Pakistan Train Hijack: पाक में अलगववादी उग्रवादियों ने सैकड़ों यात्रियों को ले जा रही एक ट्रेन पर गोलीबारी की। जानकारी के मुताबिक जाफर एक्सप्रेस की नौ बोगियों में लगभग 400 यात्री सवार थे। बता दें कि यह ट्रेन दक्षिण-पश्चिम बलूचिस्तान प्रांत के क्वेटा से खैबर पख्तूनख्वा के पेशावर जा रही थी, तभी उस ट्रेन को हाईजैक कर लिया गया और गोलीबारी की गई। जानकारी के मुताबिक पुलिस और रेलवे अधिकारियों ने जानकारी दी कि हमले के दौरान एक ट्रेन चालक घायल हो गया।
बलूच लिबरेशन आर्मी ने हमले की जिम्मेदारी ली और कहा कि उन्होंने ट्रेन से सुरक्षा बलों सहित लोगों को बंधक बना लिया है। बीएलए ने ये भी दावा किया कि उसने लगभग 100 से ज्यादा लोगों को बंधक बनाया। वहीं ऑपरेशन में 6 सुरक्षार्मी मारे गए। बीएलए का कहना है कि बंधक बनाए गए
क्या है अब तक की जानकारी
जानकारी के मुताबिक सुरक्षा बलों ने मंगलवार को अशांत बलूचिस्तान प्रांत में संदिग्ध बलूच आतंकवादियों द्वारा ट्रेन में बंधक बनाए गए 104 यात्रियों को छुड़ा लिया और 13 आतंकवादियों को मार गिराया है।
वहीं अधिकारियों के मुताबिक, ट्रेन में लगभग 500 यात्रियों को लेकर जाफर एक्सप्रेस क्वेटा से खैबर पख्तूनख्वा के पेशावर जा रही थी। सुबह अधिकारियों ने जानकारी दी कि अब तक सुरक्षा बलों ने 13 आतंकवादियों को मार गिराया है। वहीं करीब 103 यात्रियों को छुड़ा लिया गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि बचाव अभियान जारी है।
पाक रेलवे ने लगाई आपातकालीन डेक्स
आतंकवादियों के चंगुल से बचाए गए यात्रियों में 58 पुरुष 31 महिलाएं और 15 बच्चे शामिल है। आगे शाहिद रिंद ने जानकारी दी कि वह करीब 400 यात्री अभी भी ट्रेन में ही हैं जो कि सुरंग के अंदर है। साथ ही रिंद ने कहा कि पेशावर जाने वाली यात्री ट्रेन पर भीषण गोलीबारी की खबरों के बीच बचाव दल को मौके पर भेजा गया है।
फंसे हुए यात्रियों की जानकारी मिल सके और उनके रिश्तेदारों को उनका हाल पता चल सके इसलिए पाक रेलवे ने क्वेटा रेलवे स्टेशन पर एक आपातकालीन डेस्क स्थापित की है।
वहीं सुरक्षा बलों ने जानकरी दी कि लोगों की जान बचाने का अभियान शुरू करने के बाद आतंकवादी छोटे-छोटे समूहों में बंट गए हैं।
सूत्रों के अनुसार यह कहा गया है कि अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक कि आखिरी आंतकवादी का सफाया नहीं हो जाता।
सबसे बड़ी खबर यह है कि पाक सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम जारी करते हुए इसके कब्जे से 214 बंधकों के बदले बलूच राजनीतिक कैदियों को रिहा करने की मांग की है।
बीएलए ने अपना नियंत्रण के ट्रेन पर बनाए रखा है। बता दें कि इन 214 बंधकों को युद्ध में बंदी बनाया गया था बंधकों को युद्ध बंदी माना जाता है।
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