Delhi Station: बीती 15 फरवरी 2025 को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ को लेकर दिल्ली HC में पहले से दाखिल लंबित जनहित याचिका में हस्तक्षेप की मांग करने वाले यात्रियों की अर्जी पर दिल्ली हाई ने सुनवाई करने से मना कर दिया है।
वहीं HC के चीफ जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और जस्टिस तुषार राव गेडेला की बेंच ने कहा कि सार्वजनिक कर्तव्य निभाने में विफलता हुई है लैकिन इसके लिए याचिका दायर करके नुकसान का दावा किया जा सकता है।
बता दें कि दिल्ली HC ने याचिकाकर्ता को उचित अथॉरिटी के पास अपनी मांग रखने के लिए कहा है। जानकारी के मुताबिक दिल्ली हाईकोर्ट में यह अर्जी कुछ व्यक्तियों ने दाखिल की है। उस घटना की तारीख पर ट्रेन में चढ़ने वाले थे लेकिन रेलवे स्टेशन पर भगदड़ होने के कारण यात्री ट्रेन में चढ़ नहीं सके। यात्रियों की कोर्ट से दलील थी कि उन्हें टिकट का पैसा नहीं मिला।
दिल्ली एचसी में यहां दाखिल की अर्जी
दिल्ली एचसी में यह जनहित याचिका अर्थ विधि नाम की संस्था द्वारा दायर की गई थी, रेलवे अधिनियम के प्रावधानों, विशेष रूप से धारा 57 और 147 के अप्रभावी कार्यान्वयन पर सुधार करने की मांग की गई है। रेलवे प्रोटक्शन एक्ट की धारा 57 के अनुसार रेलवे प्रशासन को प्रत्येक डिब्बे में यात्रियों की अधिकतम संख्या तय करने का निर्देश देती है।
धारा 147 के अनुसार यह दंडात्मक प्रावधान है, जिसमें रेलवे के किसी भी भाग में अनधिकृत प्रवेश के लिए 6 महीने तक कैद, जुर्माना या दोनों की सजा का नियम है। पिछले महीने एचसी ने रेलवे अधिकारियों से इस जनहित याचिका पर जवाब मांगा था साथ ही कहा था कि इन कानूनी प्रावधानों को प्रभावी ढंग से लागू करने से इस तरह की घटनाओं को रोका जा सकता है। बता दें कि इस मामले पर अगली सुनवाई 26 मार्च को होगी।
18 लोगों की हुई थी मौत
यह घटना महाकुंभ के दौरान की है। 15 फरवरी की रात नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ की वजह से 18 यात्रियों की मौत हो गई थी। घटना की जांच के लिए रेलवे ने एक कमेटी बनाई थी जो इस पूरे मामले की जांच करेगी साथ ही नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ को लेकर अपनी रिपोर्ट दाखिल करेगी।
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