Sunday, August 10, 2025

Sundarkand Path: सुंदरकांड की यह विषेश चौपाई जो दूर करेगी जीवन की हर समस्या

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Sundarkand Path: सबके प्यारे बाला जी या बजरंगबली जिन्हे माता सीता ने आशिर्वाद दिया हो कि वे सदा जागृत रहेंगे और अपने भक्तों के दुख हरेंगे, वे सबसे पहले अपने भक्तों की पुकार सुनते है. इसी वजह से संकट समय पे सबसे पहले हनुमानजी सबको याद आते है. हनुमान जी को प्रसन्न करने का सबसे आसान तरीका है Sundarkand का Path.

sundarkand path
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जाने सुंरकांड के एक खास चौपाई का महत्त्व –

सुंदरकांड कि हर एक चौपाई विषेश रूप से खास है लेकिन हम आपको इनमें से एक चमत्कारिक और सुंदरकांड शक्तिशाली दोहे के बारे में बताने जा रहें है.

“ जामवंत के बचन सुहाए, सुनी हनुमंत हृदय अति भाए।

तब लगि मोहि परिखेहु तुम्ह भाई, सहि दुख कंद मूल फल खाई ।।“

यह दोहा उस समय का है जब माता सीता कि खोज करने के लिए हनुमानजी लंका जाने कि तैयारी कर रहे थे. इस दोहे के रूप में हमें हनुमानजी के विवेक, धैर्य, शक्ति, और अटूट भक्ति के बारे में ज्ञात होता है.

क्या है चौपाई कि खासियत ?

  1. यह चौपाई हनुमानजी के विवेक, विनम्रता का प्रतीक है.
  2. संकट समय में धैर्य रखनें कि प्रेरणा देती है.
  3. गुरूजनों के प्रती आदर और श्रद्धा का महत्त्व समझाती है.
  4. कठिन परिस्थिती में संयम रखना सिखाती है.

इस चौपाई का अगर सच्चे दिल से रोज जाप किया जाए तो आपको न केवल मानसिक शांति बल्कि जीवन में सर्वोच्च सुख और हर कठिन परिक्षा में सफलता मिलेगी.

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