Sacral chakra: अगर जीवन में बार-बार उदासी, रिश्तों में कड़वाहट या क्रिएटिविटी की कमी महसूस हो, तो इसका कारण आपका स्वाधिष्ठान चक्र हो सकता है। जब यह ऊर्जा केंद्र जागृत होता है, तो जीवन में भावनाओं और क्रिएटिविटी की धारा बहने लगती है। आइए जानते विस्तार से इस चक्र के बारे में
स्वाधिष्ठान चक्र क्या है?
Sacral चक्र को स्वाधिष्ठान चक्र के नाम से भी बुलाया जाता है। यह ठीक नाभि के नीचे स्थित होता है और इसका रंग नारंगी होता है। इसका बीज मंत्र VAM “वं” होता है। स्वाधिष्ठान चक्र हमारी सेंशुअलिटी, सेक्सुअलिटी और क्रिएटिविटी इमोशंस को दर्शाता है।

जब यह चक्र संतुलित होता है तब इंसान के जीवन में एनर्जी और क्रिएटिव बढ़ती है । साथी ही रिश्तों में प्यार और जीवन में खुशी बनी रहती है। इस के अलावा यह सेंशुअलिटी जैसे इमोशंस को भी सक्रिय करता है।
और जब यह चक्र संतुलित होता है तब इंसान डरा हुआ, इमोशनली अंस्टेबल,टेंस, कंट्रोलिंग, गिल्टी,लो लिबिडो जैसे इमोशंस को महसूस करता है ।
स्वाधिष्ठान चक्र को संतुलित करने के उपाय
योग आसन (Yoga Poses)
बटरफ्लाई पोज (Baddha Konasana), कोबरा पोज (Bhujangasana), कैट-काउ पोज (Marjariasana),पिजन पोज (Kapotasana)
खान-पान (Food)
नारंगी रंग के फल-सब्ज़ियाँ (संतरा, आम, गाजर, कद्दू)। पानी और जूस अधिक पिएँ, क्योंकि यह चक्र जल तत्व से जुड़ा है.

और क्या करें (Lifestyle Tips)
डांस, पेंटिंग, म्यूज़िक जैसी क्रिएटिव गतिविधियाँ करें। नदियों, तालाबों या समुद्र के पास समय बिताएँ। नारंगी रंग को जीवन में शामिल करें (कपड़े, डेकोर या आभूषण में)। रत्नों में कार्नेलियन (Carnelian), मूनस्टोन पहन सकते हैं।
सकारात्मक वाक्य (Affirmation)
स्वाधिष्ठान चक्र को मजबूत करने के लिए रोज़ यह वाक्य दोहराएँ: “मैं रचनात्मक हूँ, मैं अपने भावनाओं को स्वतंत्रता से व्यक्त करता/करती हूँ और मैं जीवन का आनंद लेता/लेती हूँ।” (I am creative, I freely express my emotions, and I enjoy life.)
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