Saturday, September 6, 2025

Pregnancy: प्रेग्रेंसी में अपना कुछ इस तरह से रखें अपना ख्याल, आसान हो जाएंगी डिलीवरी

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Pregnancy: गर्भावस्था हर महिला के जिंदगी का एक खूबसूरत समय होता है साथ ही बेहद नजुक समय भी। बता दें कि इस दौरान महिला के शरीर में कई तरह के शारीरीक और हार्मोनल बदलाव आते है। ऐसे में सबसे ज्यादा जरूरी होता है खुद के साथ-साथ गर्भ में पल रहे बच्चे का भी ख्याल रखना होता है। ऐसी अवस्था में अगर लपरवाही बरती जाए तो मां और बच्चें दोनों के लिए गंभीर परिणाम साबित हो सकता है।

बता दें कि Pregnancy में सबसे ज्यादा महिला को डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियां हो और वे सही तरीके के कंट्रोल न की जाएं, तो कई तरह की समस्याएं पैदा हो सकती हैं, जो मां और बच्चे दोनों के लिए खतरे का कारण बन सकती हैं।

डायबिटीज से खतरा क्यों ?

Pregnancy के समय डायबिटीज होना मां और बच्चे दोनों के लिए काफी परेशानी का कारण बन सकता है। डायबिटीज प्रेग्रेंसी के दौरान या पहले से हो बच्चे के लिए खतरा साबित हो सकता है। जिसे गेस्टेशनल डायबिटीज कहा जाता है। जिसका असर गर्भ में पल रहे बच्चे पर पड़ता है। इस कारण से नॉर्मल डिलीवरी के समय परेशानी हो सकती है। इतना ही नहीं जन्म के बाद बच्चे की शुगर अचानक गिर सकती है। इसलिए गर्भवस्था में डाबिटिज को गंभीरता से लेना जरूरी।

हाई ब्लड प्रेशर से बढ़ता है खतरा

गर्भावस्था के समय महिला का ब्लड प्रेशर ज्यादा हो जाए, तो ये भी परेशानी की बात हो सकती हैं। ज्यादा बीपी होने से प्रीक्लेम्प्सिया नाम की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। जिसमें महिला को हाथ-पैरों या चेहरे मेंं सूजन, सिरदर्द और चक्कर जैसी समस्याएं हो सकती हैं। ज्यादा बीपी से शरीर के कुछ अंगों को नुकसान पहुंचाने का भी खतरा रहता है। इससे बच्चे की ग्रोथ रुक सकती है। और डिलीवरी समय से पहले हो सकती है। हाई बीपी का भी ख्याल रखा बेहद जरूरी होता है।

मां और बच्चे के लिए क्या है जरूरी ?

नियमिट रूप से डॉक्टर की सलाह लें।

डाइट का ख्याल रखें और दवाएं टाइम पर खाएं

एक्सरसाइज करें या हल्की वॉक जरूर करें

नमक और चीनी की मात्रा खाने में सीमित रखें।

तनाव से बचें और मन को शांत रखें,

मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखें ताकि बच्चें पर बुरा असर न पड़ें

इन चीजों का रखें खास ख्याल

बता दें के गर्भावस्था के समय डायबिटीज और कई बल्ड प्रेशर जैसी बीमारियों को हल्के में लेना मां और बच्चें दोनों की सेहत पर भारी पड़ सकता हैं। अगर समय पर सारी चीजों का पता चलता है। तो सही इलाज शुरू किया जा सकता है। और जीवनशैली को सुधारा जा सकता हैं। कहते हैं एक स्वस्थ्य मां ही स्वस्थ्य बच्चें को जन्म देती हैं।

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