pippali: हमारा किचन औषधियों का भंडार है ऐसे ही अनमोल खजानों में से एक है पिप्पली जो एक बेहतरीन आयुर्वेदिक औषधि है। बल्कि कई दूसरी बीमारियों में भी फायदेमंद साबित होती है। खासकर अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और सांस की दिक्कतों से परेशान लोगों के लिए यह बेहद असरदार मानी जाती है।
बलगम हटाने में सहायक
पिप्पली शरीर में जमा कफ और बलगम को बाहर निकालने में मदद करती है। इसमें सूजन कम करने सहायक होता है। आयुर्वेद के प्रमुख ग्रंथ चरक संहिता में पिप्पली को एक महत्वपूर्ण औषधि माना जाता है।
क्या होती है पिप्पली?
पिप्पली एक फूलों में होती है, इन्हें सुखाकर आमतौर पर मसाले की तरह इस्तेमाल किया जाता है। इसका स्वाद काली मिर्ज जैसा होता है। पिप्पली शरीर के मेटाॉलिज्म को तेज करने में भी मदद करती है। ये दर्द में भी काफी उपयोगी होती है।
इम्यूनिटी मजबूत करने वाला तत्व
बता दें कि पिप्पली एक बेहतरीन इम्यूनिटी बूस्टर माना जाता है। यह न सिर्फ पाचन तंत्र को दुरुस्त रखती है, बता दें कि इसकी तासीर काफी गर्म होती है, इसी कारण गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन करने से परहेज करने की सलाह दी जाती है।
कैसे करें पिप्पली का सेवन
अगर खांसी-जुकाम है, तो इसका चूर्ण शहद या गर्म पानी के साथ 1/4 से 1/2 चम्मच मात्रा में लिया जा सकता है। पिप्पली को उबालकर उसका पानी पीने से भी काफी फायदा होता है। आधुनिक विकल्प के रूप में इसे कैप्सूल या टैबलेट के रूप में भी लिया जा सकता है, लेकिन डॉक्टर की सलाह से ही।
नानी के नुक्खों
पिप्पली का जिक्र आज भी हमारी के पारंपरिक घरेलू इलाजों में बड़े भरोसे के साथ किया जाता है। पुराने जमाने से इसका इस्तेमा आम बीमारियोंं के इलाज में होता आ रहा है।
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