long and happy life: आज की भागदौड़ भरी और तनावपूर्ण जीवनशैली को देखते हुए यह आशंका जताई जा रही है कि आने वाले समय में लोगों की औसत आयु कम हो सकती है। आजकल छोटे-बड़े सभी आयु वर्ग के लोगों में हार्ट अटैक और अन्य गंभीर बीमारियों के कारण अचानक मृत्यु के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं। ऐसे हालात में मन में सवाल उठता है कि आखिर हम अपनी ऊम्र को कैसे बढ़ाएं और खुशहाल ढ़ंग से कैसे जीएं? आइए, जानते हैं वे महत्वपूर्ण आदतें और उपाय जो हमें स्वस्थ, संतुलित, सुखी और दीर्घायु बना सकते हैं।
1. संतुलित आहार लें
हिंदू धर्मग्रंथों से लेकर आयुर्वेद तक , हर जगह भोजन की महत्वता बताई गई है। कहा गया है-जैसा अन्न वैसा मन, सात्विक भोजन न केवल शरीर को बल्कि मन को भी स्वस्थ रखता है और लंबी आयु प्रदान करता है। जापानी दर्शन में एक सिद्धांत है–हारा हाची बु। इसका अर्थ है–पेट केवल 80% भरने तक ही भोजन करना चाहिए। पूरी तरह से पेट भर लेना शरीर पर बोझ डालना है, जबकि संयमित भोजन स्वास्थ और दीर्घायु के लिए लाभकारी है।
2. नियमित व्यायाम और योग करें
हिंदू दर्शन में कहा गया है- पहला सुख निरोगी काया। इसलिए स्वस्थ जीवन के लिए व्यायाम और योग अत्यंत आवश्यक हैं। अनुसंधान बताते हैं कि प्रतिदिन केवल 15 मिनट का व्यायाम भी आपकी आयु को लगभग 3 वर्ष तक बढ़ा सकता है। व्यायाम और योग करने से शरीर से विषैले तत्व बाहर निकलते हैं, जिससे मन और शरीर दोनों हल्के, ऊर्जावान और प्रेरित महसूस करते हैं ।
3. सकारात्मक सोच विकसित करें
आप जैसा सोचते हैं, वैसा ही आकर्षित करते हैं। यह सत्य है कि नकारात्मक सोच नकारात्मक परिणाम लाती है, वहीं सकारात्मक सोच जीवन में सुखद परिस्थितियां आकर्षित करती है। पुस्तक “the Power of subconscious Mind”में भी बताया गया है कि यदि हम सकारात्मक विचारों पर ध्यान केंद्रित करें तो हमारे जीवन में वैसी ही परिस्थितियां निर्मित होती हैं। इसलिए स्वयं के लिए और दूसरों के लिए अच्छा सोचना और कहना चाहिए।
4. जीवन में उदे्श्य खोजें
जीवन में एक उदे्श्य होना बहुत जरूरी है। हम अगर वो काम करें जो हमें पंसद है तो हमें खुशी ही नहीं बल्कि आयु भी बढ़ती है। जापानी शोधकर्ताओं के अनुसार, जिनके जीवन में उदे्श्य की स्पष्टता थी , वे 13 वर्षों की अवधि में हृदय रोग, स्ट्रोक और अन्य बीमारियों से मृत्यु की संभावना में काफी कम पाए गए, उनकी तुलना में जो जीवन में कम आत्मविश्वसी थे।
5. आभार व्यक्त करें
आभार वह शक्ति है जिसे हम अक्सर अनदेखा कर देते हैं। जीवन की छोटी-छोटी खुशियों और उपलब्धियों के लिए आभार प्रकट करने से नकारात्मक भावनाएं, तनाव , ईर्ष्या और पछतावा कम हो जाते हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार, जिन लोगों के जीवन में आभार और उळेश्य दोनों मौजूद होते हैं, वे न केवल अधिक समय तक जीते हैं बल्कि बीमारियों से जल्दी उबरने की क्षमता भी रखते हैं। gratitude मन को शांति , शरीर को स्वास्थ और जीवन को आनंद प्रदान करता है। यही कारण है कि आभार से व्यक्ति न केवल प्रसन्नचित्त रहता है , बल्कि दीर्घायु भी होता है।
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