Jagannath Temple Flag: ओडिशा के पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर जो अपने आप में रहस्यमयी है। यहां कई तरह के रहस्य है। जिन्हें आज तक नहीं सुलझाया जा सका। ये मदिंर अपनी भव्यता और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है। हर साल इस मंदिर की यात्रा निकलती है। जहां लाखों के तादाद में श्रृद्धाओं इस यात्रा में शामिल होने के लिए आते है।
बता दे कि 7 जुलाई से पुरी की सड़कें भीड़ से भर जाएंगी क्योंकि भगवान जगन्नाथ अपनी बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के साथ गर्भगृह से बाहर निकलेंगे। ये यात्रा 10 दिनों तक चलती है। इस 10 दिनों तक चलने वाली यात्रा के आखिरी दिन वे मौसी के घर जाते हैं।
अब बता दें कि जगन्नाथ का ध्वज हमेशा से हवा से विपरीत दिशा में उड़ता है. तो वहीं हम जानेगें कि आखिरकार यहां के ध्वज को रोज क्यों बदलते हैं। क्योंकि आज भी ये उतसुकता हर किसी में बनीं हुई है कि क्यों ध्वज उल्टी दिशा में लहराता है।
मान्यता है कि हर सुबह सूर्योदय से पहले और शाम को सूर्यास्त के समय मंदिर पर लगे झंडे को बदलकर नया झंडा लगा दिया जाता है। बता दें कि मंदिर की यह परंपरा सदियों से चली आ रही है और इसके पीछें धार्मिक और पौराणिक मान्यताएं हैं।
क्या है ध्वज को बदलने के कारण
जगन्नाथ मंदिर के गुंबद पर लगा ध्वज रोज बदला जाता है। यह काम हर शाम मंदिर के सेवादार करते है। खास बात ये है कि ध्वज हमेशा समुद्र से बहने वाली हवा की विपरीत दिशा में लहराता है। आप में कई लोगों ने देखा होगा कि समुद्री से जमीन की तरफ बहती है, ये अपने आप में किसी रहस्य से कम नहीं है।
जानते है जन्नाथ ध्वज का रहस्य
जगन्नाथ पुरी मंदिर में लहराने वाला झंडा 20 फीट है। इसका आकार त्रिकोणीय है। इसके हर दिन बदला जाता है। इसे बहलने की जिम्मेदारी वहां रह रहें पुजारियों के पास है। यहां के पुजारी 800 सालों से हर दिन समय पर ऐसा करते आ रहे है।
वहीं ये भी मान्यता है कि यदि ध्वज हर दिन नहीं बदला जाएगा तो मंदिर स्वयं बन्द हो जाएगा। मंदिर का ये ध्वज काफी दूर से दिखाई देता है। बता दें कि झड़ें को भगवान जगन्नाथ की प्रतीक माना जाता है। नया झंडा फहराना भगवान के प्रति सम्मान और भक्ति का प्रतीक माना जाता है। साथ ही ये भी मान्यता है कि पुराना झंडा नकारात्मक ऊर्जा को सोख लेता है, इसलिए रोज झड़ा बदल दिया जाता है।
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