Wednesday, September 3, 2025

Independence Day 2025: आजादी के 78 साल हमारी आजादी हमारा अभिमान

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Independence Day 2025: हर साल 15 अगस्त को भारत एक गर्व और उम्मीद के साथ जागता है. यह सिर्फ एक कैलेंडर की तारीख ही नहीं हैं बल्कि हमारी आज़ादी का एक बहुत बड़ा पर्व हैं. 15 अगस्त 1947 एक ऐसी ऐतिहासिक सुबह है जिस दिन भारत ने पहली बार मुगलों और अंग्रेजों से छूटकर 200 साल बाद आजादी की सांसे ली.

आज़ादी का जश्न 15 अगस्त

उस समय भारत की हालत आसान नहीं थी. आज़ादी एक ही साथ खुशी और दर्द दोनों लेकर आई थीं. खुशी इस बात की थी, की भारत अब अपने फैसले खुद ले सकता था और दर्द इस बात का था की स्वतंत्रता के साथ ही भारत का विभाजन हो चुका था. पाकिस्तान नाम का नया देश बना. लाखों लोग अपना घर बार छोड़कर नए देश में जा चुके थें. जैसें सीमाओं से भूमि बिखर गयी वैसे ही रिश्ते भी टूट रहे थे. लेकिन इसके बावजूद इन दिन भारत के दिल में उम्मीद की किरण थी, कि अब हम अपने देश का भविष्य खुद तय करेंगें.

 भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम

यह दिन सिर्फ स्वतंत्रता जश्न का ही नही बल्कि कानूनी बदलाव का दिन भी था. 1947 को भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम लागू हुआ, इसमें ब्रिटिश संसद ने भारतीय संविधान सभा को सत्ता और संप्रभुता का अधिकार सौंप दिया. यह एक तरह से भारत के नए सफर की शुरुआत थी.

लाल किले का ऐतिहासिक क्षण

15 अगस्त 1947 की सुबह दिल्ली के लाल किले पर भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरूजी ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया और अपने प्रसिद्ध भाषण ट्रस्ट विथ डेस्टिनी के जरिए पूरी दुनिया को बताया कि भारत अब स्वतंत्र हैं और एक नए युग में प्रवेश कर चुका हैं.

इसके बाद से हर साल यही परंपरा चली आ रही हैं. देश का वर्तमान प्रधानमंत्री लाल किले के लाहौरी गेट पर तिरंगा फहराता है. उसके बाद “जन गण मन” राष्ट्र गीत गया जाता हैं. फिर प्रधानमंत्री राष्ट्र को संबोधित करके राष्ट्र की प्रगति, चुनौतियां और आने वाले समय के लक्ष्यों के ऊपर बात करते हैं.

स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि

हर साल हम अगनित स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हैं जिन्होंने अपनी जान की, अपने परिवार कि परवाह किये बिना आजादी की लड़ाई लड़ी. चंद्रशेखर आजाद, रानी लक्ष्मीबाई, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, एसे हजारों गुमनाम वीर जिन्होने बस एक हि सपना देखा था – एक स्वतंत्र भारत !

लाल किले पर जब प्रधानमंत्री भाषण देते हैं और सेनानियों के योगदानों को याद करते हुए उनके बलिदानों को सलाम करते हैं.

प्रधानमंत्री के भाषण के बाद नौ सेना, वायु सेना, थल सेना और अर्ध सैनिक बल भी परेड में शामिल हो कर सिर्फ अनुशासन और ताकत का प्रदर्शन नहीं बल्कि हमारे सुरक्षा में लगे हर जवान को सम्मान देते हैं.

देशभर में स्वतंत्रता का जश्न

15 अगस्त सिर्फ दिल्ली तक सीमित नहीं है बल्कि पूरे देश में राष्ट्रीय ध्वज फहराकर इसका सम्मान, सांस्कृतिक कार्यक्रम और नृत्य किये जाते हैं.

दूरदर्शन की अनोखी परंपरा

1959 में जब दूरदर्शन ने प्रसरण शुरु किया तब से स्वतंत्रता दिवस का देशभर में सीधा प्रसारन भारत की एक परंपरा बन चुका है.

देशभक्ति और आज का महत्व

हमारे देश की स्वतंत्रता क्रांतिवीरों के खून से सींंची हुई है. यह दिन हमे जश्न मनाने कि आजादी तो देता हैं, पर उसके साथ फिर से हमारे अंदर कि देशभक्ती को भी जागृत करता हैं. यह दिन हमे सिखाता हैं कि आजादी के साथ जिम्मेदारियां भी आती हैं देश का सम्मान एकता और विकास बनाये रखना हम सब का फर्ज है।

जब भी यह तिरंगा हवा में लहराता है, तो वह हमे यह एहसास दिलाता है कि यह जमीन, यह आसमान, यह आजादी हमारे पूर्वजों की मेहनत संघर्ष और बलिदान की देन है. यह हमारी जिम्मेदारी है कि आने वाली पीढ़ियों को भी यह स्वतंत्रता उतनी ही सुरक्षित और मजबूत मिले जितनी हमें मिली हैं.

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