Hariyali Teej: सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत से त्योहार है। जिनमें से एक है हरियाली तीज इस दिन महिलाएं व्रत रख कर पति की लम्बी उम्र की प्रथना करती है। सनातन कलेडर के मुताबिक हर साल सावन के महिने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को यह व्रत रखा जाता हैं।
बता दें कि सावन शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि की शुरुआत 26 जुलाई रात 10: 41 पर होगी और 27 जुलाई को इसका समापन होगा।
अगर शादी के बाद पहली बार हरियासी तीज का व्रत रखने वाली हैं। तो आपको व्रत से जुड़े कुछ नियमों के बारे में जरूर जानना चाहिए,
पूजन सामाग्री
पीला वस्त्र, कच्चा सूता, नए वस्त्र, केले का पत्ते, आक का फूल, बेलपत्र, धतूरा,शमी के पत्ते, जनेऊ, पूजा की चौकी, कलश, जटा वाला नारियल, सुपारी, अक्षतष धूप, चंदन, घी, दूध, गंगाजल, पंचामृत के लिए दही, सुहाग का सामान, माचिस, शिव परिवार की तस्वीर या मूर्ती, मिश्री, शहद पांच प्रकार के फल, मिठाई, दक्षिणा,आदि सभी चीजेंं।
पहला हरियाली तीज व्रत–
मेहंदी लगाए
हरियाली तीज व्रत से एक दिन पूर्व हाथों में मेहंदी जरूर लगाएं। ये 16 श्रृंगार में से एक है। मेंहदी लगाना बेहद शुभ माना जाता है।
हरे रंग के कपड़ें
हरियाली तीज के दिन हरे रंग का वस्त्र पहनना चाहिए। आप पूजा पहले से ही हरे रंग की साड़ी, सूट या लहंगे पहने
व्रत
इस दिन हरियाली तीज पर पूरे दिन निर्जला व्रत रखें। शाम की पूजा के बाद रात में चंद्रोदय होने के बाद चंद्रमा को देकर पूजा करें।
सोलह श्रृंगार
हरियाली तीज पर आप दुल्हन की तरह तैयार हो सकती है। इससे वैवाहिक जीवन में खुशहाली रहती है। साथ ही माता पार्वती का आशिर्वाद मिलता है।
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