Sunday, October 26, 2025

Mahaashtami: शिव जी की अर्धागिनी रुप में विराजित, महागौरीः

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Mahaashtami: September 2025: शारदीय नवरात्री की महाष्टमी का संपूर्ण हिंदू धर्म में विशेष महत्व है मान्यता है कि इस पावन महाष्टमी के दिन महागौरी की विधि विधान से पूजन एंव कन्याओं को भोजन कराने से समस्त पापों का नाश होने के साथ ही विपदा से छुटकारा, मानसिक शान्ति और सुख समृदिॄ का जीवन में आगमन होता है। महागौरी भगवान शिव की अर्धागिनी रुप में विराजित है। जब माता पार्वती ने शिव को पति रुप में प्राप्त करने हेतु घोर तपस्या की तो उनका शरीर काला पड़ने लगा था। तब भगवान शिव ने प्रसन्न होकर पार्वती जी का गंगाजल से अभिषेक किया था जिसकी वजह से उनकी आभा दुग्ध के समान गौर हो गई और उन्हें महागौरी कहा गया।

श्वेत वस्त्रों एंव आभूषणों से सुशोभित महागौरी के चार हाथों में से ऊपर के दाहिनें हाथ में अभय मुद्रा निचले दायें हाथ में त्रिशूल जबकि ऊपरी बायें हाथ में डमरु शोभित है। महागौरी अपने भक्तों को वर देने हेतु निचले बायें हाथ में वरमुद्रा धारण किये अत्यन्त शान्त मुद्रा में वृषभ पर सवार है। शास्त्रों में माँ दुर्गा के आठवें स्वरुप महागौरी को शंख, चन्द्र और कुंद के फूल की संज्ञा दी गई है।

रक्तबीज का वध कर महागौरी बनी, माँ कालिकाः

महागौरी के शक्तिशाली रुप माँ दुर्गा ने अपनी  हुंकार भर से ध्रुम्रलोचन को भस्म किया, चंड और मुंड का वध करके चांमुडा बनी, जब समस्त देवी देवता अत्याचारी राक्षस शुंभ और निशुंभ त्रस्त थे तब माता ने मायावी रुप धर दोनों का वध किया। महाबलशाली राक्षस रक्तबीज को युदॄ में परास्त कर घायल किया तब उसके रक्त से अन्य कई शक्तिशाली राक्षस उत्पन्न होने लगे तो महागौरी ने कालिका रुप धारण कर सब राक्षसों का संहार किया।

महिषासुर का वध करके माँ दुर्गा कहलायी, महासुरमर्दिनीः

राजा रंभासुर और भैस का पुत्र महिषासुर जिसको भैस और राक्षस दोनों ही रुपों में परिवर्तित होने की शक्ति प्राप्त थी। ब्रह्मा ने उसे कभी न पराजित होने का वर दिया उस वर का दुरुपयोग करके महिषासुर ने स्वर्ग पर कब्जा किया और अपनी क्रूरता के बल पर समस्त पृथ्वी को अपना शिकार बना कर हिंसा करने लगा। जिसकी वजह से समस्त देवी देवताओं ने माँ दुर्गा से ब्रह्मांड की रक्षा हेतु महिषासुर का वध करने के लिये आग्रह किया तब माता रानी ने महिषासुर से नौ दिनों तक युदॄ किया और दशवें दिन महिषासुर का वध करके माँ दुर्गा महासुरमर्दिनी कहलायी।

माँ दुर्गा के महासुरमर्दिनी रुप का जे.के. मंदिर प्रागंण में भव्य आयोजनः

शहर कानपुर के प्रसिदॄ जे.के. मंदिर कमला नगर में नवरात्री के पावन अवसर पर 22 सितम्बर से 29 सितम्बर तक होने वाले कार्यक्रमों में कलाकुंज ग्रुप और रिदम ग्रुप ने मंदिर प्रागंण में माँ दुर्गा के महासुरमर्दिनी रुप पर आधारित कार्यक्रमों की भव्य प्रस्तुति की। जिसमें कलाकुंज ग्रुप की फाउण्डर राखी बाजपेई नें माँ दुर्गा का महासुरमर्दिनी रुप धारण कर माता के भक्तों का ध्यान आकर्षित किया।

जबकि कामाक्षी एंव गौरी ने राम स्तुति और माता रानी की सुन्दर मनमोह लेने वाली स्तुति पर नृत्य प्रस्तुत कर मंदिर प्रागंण को भक्तिमय बनाया। वहीं 29 सितम्बर दिन सोमवार को रिदम ग्रुप के द्वारा राधा कृष्ण को समर्पित डांडिया एंव माँ दुर्गा महासुरमर्दिनी रुप पर सीमा एंव अन्य कलाकारों की सुन्दर प्रस्तुति ने कार्यक्रम की शोभा को बढ़ाया इस अवसर पर समस्त कार्यक्रम संचालक एंव भक्तगण मौजूद रहे।   

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Preeti Rathore
Preeti Rathore
मैंने सी.एस.जे.एम. वि.वि. से MJMC, LLb, B.Ed, M.Sc (Zoology), M.A (Hindi, Economics, Political Science), "O" Level, CCC Computer Course एंव राजर्षि टण्डन वि.वि.से PGDMM की डिग्री प्राप्त की है। इसके अतिरिक्त हिन्दुस्तान प्रेस, K.TV, में ट्रेनी पत्रकार एंव डिग्री कॉलेज और एनजीओ मे पत्रकारिता शिक्षक के रुप में कार्य किया है।

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