Sunday, July 13, 2025

vat savitri vrat:अखंड सौभाग्य के लिए करे इस तरह से पूजा, जरूर मिलेगा मां का आशिर्वाद

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vat savitri vrat: वट सावित्री की पूजा 26 और 27 दोनों दिन तय मूहूर्त पर की जाएगीं। बता दें पति की लम्बी उम्र के लिए इस व्रत का पालन करती है। लेकिन पूजा की विधि विधान का ध्यान जरूर रखें। पूजा की शुरुआत जल चढ़ाने से होती है और पूजा का समापन आरती करने से।

आज वट सावित्री की पूजा में महिलाएं भी वट वृक्ष की पूजा और कथा का पाठ करने के बाद आरती करें। इससे आपको मां सावित्री का अखंड सौभाग्य का आशिर्वाद जरूर मिलता है।

कैसे कैसे पूजा

बता दें कि अखंड सौभाग्य के लिए सुहागिन महिलाएं हर साल इस उपवास को करती है। अगर आप पहली बार पूजा कर रही है तो पूजा विधी जरूर जान ले।

पूजा विधी

पूजा करने के लिए जल, धूप, कलावा, कच्चा सूत, फल(खरबूजा), दीपक, पान, फूल, सिन्दूर, रोली, चंदन, लाल कपड़ा, भीगा हुआ चना, पूड़ी,गुड़ आदि समान लेकर वट वक्ष के नीचे जाए और विधी विधान से पूजा करं

सबसे पहले जल चढाएं उसके बाद पूजन सामग्री। कच्चें सूत के साथ वृक्ष के सात बार परिक्रमा ले। और आरती करें पूजन का समापन करें, उसके बाद वट वृक्ष के फल को लेकर पानी के साथ खाएं और आपने व्रत को पूरा करें। घर आ कर सभी बड़ों का आशीर्वाद लें। और दिन भर आप फलाहार करके उपवास कर सकती है ।

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