International Internaet Day: October 2025:आज के दौर में इटंरनेट ने पूरे विश्व समेत लोगों के हर एक पल पर अपना कब्जा कर लिया है। संपूर्ण विश्व इंटरनेट के संजाल की जंजीरों में बंध गया है। व्यापार, शिक्षा हो या समाज सभी क्षेत्रों के प्रत्येक व्यक्ति की दिनचर्या इंटरनेट से शुरु होती है और उसी पर खत्म होती है। 29 अक्टूबर दिन बुधवार को संपूर्ण विश्व इंटरनेट दिवस के रुप में माना रहा है।


1969 को अमेरिका में दो कम्प्यूटरों के बीच साझा हुये थे, इलैक्ट्रॉनिक संदेशः
अमेरिका में 1969 को आज ही के दिन दो कम्प्यूटरों के बीच इलैक्ट्रॉनिक संदेशों को साझा करने की प्रक्रिया आरम्भ की गई थी। अमेरिका ने इसका प्रारम्भ परमाणु युद्ध की स्थिति में सूचनाओं के आदान प्रदान करने के उद्देश्य से किया था और ARPANET (Advanced Research Project Agency Network) का उपयोग करके पहली बार सूचनायें भेजी थी। जबकि भारत में इंटरनेट की शुरुआत 1995 में की गई थी। लेकिन आज के समय में भारत हो या अमेरिका संपूर्ण विश्व के लिये इंटरनेट अहम् हिस्सा बन चुका है इसके बिना व्यवस्थित जीवन की कल्पना कर पाना भी असंभव हो गया है।
मल्टीमीडिया वेबीनार से शिक्षा का क्षेत्र प्रगति की ओर अग्रसरः
इंटरनेट ने शिक्षा के क्षेत्र में ई-लर्निग, ऑनलाइन कोर्स, मल्टीमीडिया, वेबीनार, और ई. बुक्स आदि जैसे संसाधनों को उपलब्ध कराकर विद्यार्थी वर्ग को बेहतर शिक्षा देने के साथ उनके भीतर ज्ञान के प्रकाश को जाग्रत करने में अहम् भूमिका निभायी है और उनके भविष्य को प्रगति के मार्ग पर अग्रसर किया है।


इससे विद्यार्थियों को कम समय खर्च पर बेहतर शिक्षक और शिक्षा के अवसरों को बढ़ावा मिलने के साथ नौकरी पाना भी आसान हो गया है। जिसके कारण शिक्षा के क्षेत्र में अविश्वसनीय क्रांति ने जन्म लिया है।
इंटरनेट है, संचार का बेहतर साधनः
यदि व्यापार के क्षेत्र में बात की जाये तो इंटरनेट ने देश विदेश से व्यापार करने में विशेष सहयोग प्रदान किया है। फेसबुक, इंस्टाग्राम जैसी साइटों ने ऑनलाइन मार्केटिंग की सुविधा दी है। ई कामर्स के जरिये बड़ी संख्या में ग्राहकों तक बिक्री हेतु उत्पादों की गुणवत्ता से अवगत कराकर खरीददारी के प्रोत्साहित करने में इंटरनेट संचार का सबसे बेहतर साधन माना जाता है। इंटरनेट से मार्केटिंग का दायरा विकसित होने के साथ डेटा विश्लेषण की प्रक्रिया भी आसान हो गई है।

विदेशों में पढ़ने वाले विद्यार्थी अपनी संस्कृति सभ्यता के रहते है, करीबः
इंटरनेट समय की बचत करते हुये समाजिक दायरों को मजबूत बनाता है। आज के समय में एक बड़ी तादाद में समाजिक दायरा इंटरनेट से विकसित हो रहा है। जिन माता पिता के सन्ताने दूसरे शहरों एंव विदेशों में रहकर शिक्षा ग्रहण कर रहे होते है। उनके लिये इंटरनेट वरदान साबित हुआ है। वीडियो कॉलिंग के जरिये बात हो जाने एंव हालचाल मिल जाने से वर्षो तक दूर रहने के बाद भी उन्हें अपने घर, संस्कृति और सभ्यता से दूर रहने का जरा भी एहसास नहीं होता है जिससे वह अपने उज्ज्वल भविष्य की अग्रसर होते है और उनके माता पिता चिंता मुक्त रहते है। इस तरह इंटरनेट ने पूरे विश्व को एक साथ जोड़ कर लोगों के जीवन को सरल और आसान बना दिया है।
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