Monday, October 27, 2025

Yogini Ekadashi 2025: योगिनी एकादशी पर ब्राह्मणों को कराएं भोजन

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Yogini Ekadashi 2025: सनातन धर्म में एकादशी तिथि को बहुत शुभ माना जाता है। बता दें कि महिने में दो बार एकादशी की तिथि आती है। एक कृष्ण और दूसरा शुक्ल पक्ष में धार्मिक मान्यता है कि एकादशी पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की विशेष पूजा करने से जातक को शुभ फल की प्राप्ति होती है।

वहीं जुलाई के महिने में योगिनी एकादशी और देवशयनी एकादशी पड़ेगी। इस बार 21 जून को योगिनी एकादशी है। विष्णु पुराण के मुताबिक खंड,योगिनी एकादशी व्रत माहात्म्य खंड के अनुसार, योगिनी एकादशी व्रत एकादशी व्रत करने से 88 हजार ब्राह्मणो को भोजन कराने के बराबर पुण्य मिलता है।

योगिनी एकादशी का दिन गवा विष्णु की उपसाना के लिए समर्पित होता है। योगिनी एकादशी की कथा राजा कुबेर के माली हेममाली के पाप से मुक्ति की कथा है।

इस एकादशी का व्रत करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। वहीं धार्मिक मान्यता के अनुसार सच्चे मन से एकादशी व्रत करने से जीवन में कभी भी धन की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है। बता दें कि साल में 24 एकादशी के व्रत रखे जाते है। कई लोगों एकादशी का निर्जला व्रत भी रखते हैं। जो बेहद कठिन होता है। कहते है कि जो भी एकादशी का व्रत रखता है, उसपर भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी भी प्रसन्न रहती है ।

आषाण महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस बार योगिनी एकादशी 21 जून को होगी।

योगिनी एकादशी 2025

पंचाग के अनुसार आषाढ़ कृष्ण एकादशी तिथि 21 जून को सुबह 7.19 बजे शुरू होगी। 22 जून को इस व्रत का समापन होगा।

पूजन विधि

योगिनी एकादशी के दिन विष्णु जी की पूजा का विधान है। इस दिन पीपल के वृक्ष की पूजा भी करनी चाहिए।

सुबह उठकर स्नान करना चाहिए साथ ही पीले वस्त्र धारण करने चाहिए। फिर भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए का संकल्प लें। कथा पढ़े आरती करें और भोग लगाएं। गायत्री मंत्र का उच्चारण करनें

व्रत के दौरान अन्न का सेवन न करें साथ ही जो लोग एकादशी का व्रत नहीं रखते है उन्हें चावल का सेवन नहीं करना चाहिए।

एकादशी के दिन ब्राह्मणों को कुछ न कुछ दान जरूर करें। इससे पुण्य की प्राप्ति होती है।

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