धनतेरस पर क्यों की जाती है भगवान धनवंतरि की पूजा?
धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरि की पूजा की जाती है,ताकि जीवन में स्वास्थ्य, सुख और समृद्धि बनी रहे।
धनतेरस के दिन भगवान धनवंतरि की पूजा की जाती है,ताकि जीवन में स्वास्थ्य, सुख और समृद्धि बनी रहे।
भगवान धनवंतरि आयुर्वेद के जनक हैं,जो अमृत कलश लेकर मानवता को रोगमुक्ति का वरदान देते हैं।
भगवान धनवंतरि आयुर्वेद के जनक हैं,जो अमृत कलश लेकर मानवता को रोगमुक्ति का वरदान देते हैं।
2025 में धनतेरस पूजा मुहूर्त शाम 6:30 से रात 8:30 बजे तक रहेगा, इस समय पूजा करने से धन और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
2025 में धनतेरस पूजा मुहूर्त शाम 6:30 से रात 8:30 बजे तक रहेगा, इस समय पूजा करने से धन और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
संध्या समय दीप जलाकर धनवंतरि और लक्ष्मी जी की आरती करें, और ‘ॐ धन्वंतरये नमः’ मंत्र का जाप करें।
धनतेरस पर नया बर्तन, सोना-चांदी या झाड़ू खरीदना शुभ माना जाता है, इससे घर में लक्ष्मी का वास होता है।
धनतेरस पर नया बर्तन, सोना-चांदी या झाड़ू खरीदना शुभ माना जाता है, इससे घर में लक्ष्मी का वास होता है।
इस दिन लोहे, काले रंग की वस्तुएं या कांच की चीजें न खरीदें, ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।
इस दिन लोहे, काले रंग की वस्तुएं या कांच की चीजें न खरीदें, ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।
पीतल या चांदी के बर्तन खरीदना होता है शुभ, “ॐ धन्वंतरये नमः” मंत्र का जाप करता है कल्याण।
पीतल या चांदी के बर्तन खरीदना होता है शुभ, “ॐ धन्वंतरये नमः” मंत्र का जाप करता है कल्याण।
भगवान धनवंतरि को तुलसी, शहद और घी का भोग अति प्रिय है। यह प्रसाद चढ़ाने से वे आरोग्य और सुख का आशीर्वाद देते हैं।
भगवान धनवंतरि को तुलसी, शहद और घी का भोग अति प्रिय है। यह प्रसाद चढ़ाने से वे आरोग्य और सुख का आशीर्वाद देते हैं।
स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है, यही भगवान का संदेश है। स्वस्थ जीवन से ही आती है सच्ची समृद्धि और सुख।
स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है, यही भगवान का संदेश है। स्वस्थ जीवन से ही आती है सच्ची समृद्धि और सुख।