UP News: सहारनपुर में एंटी करप्शन टीम ने लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के महाप्रबंधक (जेई) को ₹50,000 की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। नीरज कुमार पर एक ठेकेदार से बिल ठीक करने के बदले रिश्वत मांगने का आरोप है। ठेकेदार की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए, टीम ने मौके पर छापा मारा और जेई को रंगे हाथों पकड़ लिया और उसके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया। जांच जारी है।
क्या हैं पूरा मामला
मली जानकारी के अनुसार, अरोपी के खिलाफ सदर बाजार थाने में मामला दर्ज किया गया है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना खंड में तैनात कनिष्ठ अभियंता नीरज कुमार करीब चार साल से सहारनपुर पीडब्ल्यूडी कार्यालय में तैनात हैं। जेई ने निर्माण कार्यों के बिलों को सही करने के बदले ठेकेदार धीर सिंह से 50,000 रुपये की रिश्वत मांगी थी। ठेकेदार ने इसकी शिकायत भ्रष्टाचार निरोधक टीम से की। मंगलवार को लोक निर्माण विभाग पीडब्ल्यूडी कार्यालय में छापेमारी की गई। इस छापेमारी के दौरान, जेई को एक ठेकेदार से 50,000 रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया। रिश्वत की रकम बरामद करने के बाद, टीम आरोपी जेई को सदर बाजार थाने ले गई और उसके खिलाफ मामला दर्ज किया।
प्लानिंग के साथ बिछाया जाल
शिकायत के बाद, भ्रष्टाचार निरोधक टीम ने जिले के वरिष्ठ अधिकारियों को मामले की जानकारी दी। मंगलवार सुबह, टीम ने कार्रवाई के लिए लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) कार्यालय के पास डेरा डाल दिया। टीम के अनुसार, धीर सिंह मंगलवार रिश्वत की रकम लेकर पीडब्ल्यूडी कार्यालय पहुंचा। जेई ने उसे कनिष्ठ अभियंता के कक्ष में बुलाया, जहां पीड़ित ने रिश्वत की रकम आरोपी जेई को सौंप दी। इसी दौरान, भ्रष्टाचार एंटी करप्शन ने जेई को रंगे हाथों पकड़ लिया। इसके बाद टीम आरोपी को थाने ले गई, जहां उससे कई घंटों तक पूछताछ की गई। थाना प्रभारी निरीक्षक महेंद्र सिंह ने बताया कि आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जा रहा है। टीम जेई को अपने साथ मेरठ ले गई है, जहां उसे भ्रष्टाचार निवारण न्यायालय में पेश किया जाएगा।
एंटी करप्शन टीम की जांच
एंटी करप्शन टीम ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि आरोपी जेई ने खुलेआम रिश्वत ली। इस रिश्वतखोरी के धंधे में एई संजय कुमार की भूमिका भी संदिग्ध प्रतीत होती है। गहन जांच से आरोपी और लोक निर्माण विभाग के कुछ अन्य कर्मचारियों की करतूतें उजागर हो सकती हैं। पूछताछ के दौरान मिली जानकारी के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

