Sunday, October 26, 2025

UP Crime News: आठ साल के बच्चे के साथ दरिंदगी व हत्या, न्यायाधीश ने फैसले के बाद तोड़ी कमल

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UP Crime News: उत्तर प्रदेश के गाजीपूर की पॉक्सो कोर्ट ने आठ साल के बच्चे से दुष्कर्म और हत्या के दोषी संजय नट को मौत की सजा सुनाई। फैसला सुनाते हुए जज रामअवतार प्रसाद ने कहा कि अपराधी को फांसी पर लटकाया जाना चाहिए और इसके साथ अपनी कलम तोड़ दी। विशेष न्यायाधीश पॉक्सो प्रथम रामअवतार प्रसाद की अदालत ने जब यह सजा सुनाई, तो सभी लोग फैसले से संतुष्ट दिखे। दरअसल, आठ साल के बच्चे के साथ बलात्कार किया गया था और फिर उसकी हत्या भी कर दी गई थी। आइए जानतें हैं पूरी खबर…

42 तारीखों के बाद हुआ फैसला

मंगलवार को विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) प्रथम राम अवतार प्रसाद की अदालत ने गहमर थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी संजय नट को आठ वर्षीय बालक के साथ अप्राकृतिक दुष्कर्म और हत्या के जुर्म में मृत्युदंड की सजा सुनाई और एक लाख अस्सी हजार रुपये का जुर्माना लगाया। साथ ही जुर्माने की 50 प्रतिशत राशि वादी को देने का आदेश दिया। अदालत ने यह फैसला लगभग 42 तारीखों के बाद सुनाया।

गुमशुदगी की रिपोर्ट कराई थी दर्ज

अभियोजन पक्ष के अनुसार, गहमर थाने के अंतर्गत आने वाले एक गांव के निवासी ने शिकायत दर्ज कराई कि उसका आठ वर्षीय बेटा 19 फरवरी, 2024 को गांव में फुटबॉल मैच देखने गया था और घर नहीं लौटा। उससे पहले उसके पिता ने पूरी रात उसे ढूंढा, यहां तक कि रिश्तेदारों के घर भी, लेकिन वह नहीं मिला। परेशान होकर, वादी ने थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। अगले दिन, उसी गांव की निवासी सिमरन ने वादी को बताया कि संजय नट पिछले दिन उसके बेटे को अपने साथ अपने घर ले जा रहा था।

पुलिस की जांच-पडंताल में मिला बच्चे का शव

वादी ने पुलिस को इसकी सूचना दी और उनके साथ संजय नट के घर गई। जब पुलिस ने संजय के घर की जांच शुरू की, तो एक बड़ा बक्सा खुला मिला। जिसमें बच्चे का शव बक्से में पड़े कपड़ों के नीचे एक बोरे में मिला। पुलिस ने घटनास्थल पर एक फोरेंसिक टीम बुलाई, आगे की कार्यवाही की और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। संजय नट को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। जांच के बाद, 14 मई 2024 को उसके विरुद्ध न्यायालय में आरोप पत्र प्रस्तुत किया गया। न्यायालय ने 6 जून 2024 को उसके विरुद्ध आरोप तय किए और अभियुक्त ने मुकदमे की मांग की।

न्यायालय ने सुनाया बड़ा फैसला

इस मुकदमे के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक प्रभुनारायण सिंह ने कुल आठ गवाह प्रस्तुत किए। सभी गवाहों ने न्यायालय में अपने बयान दर्ज कराए। मंगलवार को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायालय ने संजय नट को दोषी पाया और उसे मृत्युदंड की सजा सुनाई। न्यायालय ने आदेश दिया कि दुष्कर्मी संजय नट के गले में तब तक फंदा डालकर फांसी पर लटकाया जाए जब तक उसकी मृत्यु न हो जाए। यह कहते हुए न्यायाधीश ने अपनी कलम तोड़ दी।

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