Thursday, March 13, 2025

144 सालों के नक्षत्रों का हुआ समापन, महाकुंभ नहाकर करोंड़ों श्रद्धालु हुए ओतप्रोत

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दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन, महाकुंभ का समापन महाशिवरात्रि 26 फरवरी 2025 को अंतिम स्नान के साथ संपन्न हुआ। वही यू.पी. सरकार के अनुसार इस भव्य कुंभ, महाकुंभ में लगभग 66.30 करोड़ श्रद्धालु ने पवित्र डुबकी लगाई, ये आयोजन 45 दिन तक चला। इस पावन आयोजन में अंतिम दिन (26 फरवरी 2025) को लगभग 1.53 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया।

महाकुंभ के अंतिम दिन का दृश्य बेहद अद्भुत था। साथ ही भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने संगम के ऊपर विशेष एयर शो प्रस्तुत किया। इस प्रस्तुति से समारोह  और भी आकर्षक बन गया इस पुष्प वर्षा के कारण माहौल और भी भक्तिमय हो गया है।

इस महाकुंभ की शुरुआत 14 जनवरी को हुई थी। कई अधिकरियों का अनुमान था कि लगभग 40-45 कोरोड़ श्रद्धालु स्नान कर सकता है लेकिन ये आकंड़ा पार करता हुआ 66 करोड़ से अधिक पहुंच गया। इस कुंभ में केवल देश भर के लों ही नहीं आए बल्कि विदेशों से भी श्रद्धालु नें शिरकत की साथ ही कई विदेशी श्रद्धालु ओं ने स्नान के साथ ही सनातन धर्म की दिक्षा भी ली।

आगे बात करें तो महाकुंभ में सुरक्षा और प्रसाशनिक व्यवस्थाओं की तो यूपी सरकार ने इस पर विशेष ध्यान दिया। यूपी पुलिस से बातचीत के दौरान पता चलता है कि इस महाकुंभ में किसी प्रकार की बड़ी घटना हुए बैगार संपन्न होगा। आला अधिकारियों ने पुलिस बल की तारिफ की और कहा कि बिना किसी हथियारों के अनुसाशन और सेवा भाव से सभी का दिल जीता, इसके साथ ही लगभग 30,0000 से अधिक लोगों को परिजनों से मिलाने का कार्य भी किया।

बता दें कि बाबा ने गोरखपुर के कंट्रोल से महाकुंभ की गतिविधियों पर नजर रखी है। बता दें कि सीएम योगी आदित्यनाथ विशेष रुप से इस महाकुंभ का समापन करगें। इस दौरान विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन होगा। महाकुंभ में शिवरात्री की छटा बड़ी मोहक रही।

इस महाकुंभ 2025 में न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई बल्कि सुरक्षा व्यवस्था का सफल उदाहरण भी पेश किया । जो इस संगम में स्नान करने के लिए गया वहा कि भव्यता साकारात्मक ऊर्जा का हो रह गया। महाकुंभ के प्रवेश के बाद लोगों का तन तो वापस आया लेकिन एक मन था जो वही रह गया। भव्य महाकुंभ, दिव्य महाकुंभ, त्रिवेणी की धारा को प्रणाम करते करोंड़ों श्रद्धालु के मन में एक ही बात की पवित्र धारा का स्पर्श मात्र से सारे पाप धुल जाएगें।

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