Wednesday, September 3, 2025

Metal Silver: चाँदी धातु है, जीवाणुरोधक:

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Metal silver: चाँदी धातु है, जीवाणुरोधकः चाँदी प्रचलित धातुओं में प्रमुख मानी जाती है। सोने और ताँबे के बाद चाँदी धातु अस्तित्व में आयी थी। अर्जेटम के नाम से भी पहचानी जाने वाली इस धातु का उपयोग गहने, बर्तन और सजावटी समानों में किया जाता है। जीवाणुरोधक होने के कारण चिकित्सा उपकरणों की कोटिंग में चाँदी का सर्वाधिक प्रयोग किया जा रहा है इसकी स्थिरता हवा पानी में एक समान रहती है लेकिन ओजोन, हाइड्रोजन सल्फाइड या सल्फर के संपर्क में आते ही यह धुधंली होने लगती है इसके धुधंलेपन को बिना किसी नुकसान के आसानी से दूर किया जा सकता है।

स्वास्थ्य के लिये सुरक्षा क्वच है, चाँदीः

चाँदी के गहने पहनने से सकरात्मक ऊर्जा का संचार होता है, नकरात्मकता दूर होती है। चन्द्रमा और शुक्र के अशुभ प्रभाव से बचाने के साथ चाँदी स्वास्थ्य के लिये सुरक्षात्मक क्वच के रुप में कार्य करती है पैरों में चाँदी की पायल महिलाओं को उम्र बढ़ने से कैल्सियम की कमी के कारण जोड़ों के दर्द से निजात दिलाने के साथ बोन्स को मजबूती प्रदान करती है।

जबकि अगुंठे में छल्ला और छोटी उंगली में चाँदी की अगुंठी धारण करने से शुक्र और चन्द्र ग्रह मजबूत होते है जिससे जीवन में सुख समृदिॄ के वातावरण का संचार होता है। यह मन को शीतल करने के साथ रक्त संचार को बेहतर बनाने तनाव कम करने एंव हार्मोनल संतुलन बनाये रखने में विशेष भूमिका निभाती है चाँदी शरीर को ठण्डक प्रदान करके तापमान संतुलित रखती है इसे हाथ में धारण करने से सर्दी जुकाम की समस्या से मुक्ति मिलती है।

चाँदी शुक्रवार और सेमवार को करें धारणः

चाँदी को शुक्रवार और सेमवार को धारण करने से शुभ परिणाम प्राप्त होते है। प्राचीन काल में चाँदी का प्रयोग मुद्रा, आभूषणों शिल्पकृतियाँ बनाने में किया जाता था। मिश्र के निवासी सोने को नमक के साथ गर्म करके चाँदी निकालने की कला से परिचित थे लेकिन आज के समय में पृथ्वी की पपड़ी से भूमिगत और खनन तकनीकों के प्रयोग से चाँदी का उत्पादन किया जाता है मेक्सिको, पेरु, चीन और ऑस्ट्रेलिया चाँदी के प्रमुख उत्पादक राज्य है। चाँदी धातु को खरीदने का सबसे शुभ दिन अक्षय तृतीया, धनतेरस, पुष्य नक्षत्र, शुक्रवार, गुरुवार और रविवार है।

अब चाँदी में भी लागू होगा हॉलमार्कः

यदि चाँदी धातु से बनी वस्तुओं में 900 लिखा है तो माना जाता है कि यह 99% प्रतिशत शुद्ध चाँदी है यदि 925 लिखा है तब इसका मतलब यह है कि 925 प्रतिशत शुद्ध चाँदी और 75 प्रतिशत अन्य धातुओं की मिलावट है। 99% प्रतिशत शुद्ध चाँदी का प्रयोग सिक्के बनाने के लिये किया जाता है जबकि 925 प्रतिशत शुद्ध चाँदी का इस्तेमाल गहने बनाने में किया जाता है। 1 सितबंर 2025 से सरकार ने बीआईएस के नियामक मानकों के तहत सोने की तरह चाँदी में भी हॉलमार्क लागू कर दिया है। बीआईएस मार्क शुद्धता का सबसे विश्वसनीय संकेतक के रुप में माना जाता है। यह मार्क एक त्रिभुज के अंदर बिन्दू के रुप में होता है इससे उपभोक्ता हॉलमार्क के चिन्ह को आसानी से पहचान सकते है और गुणवत्ता की परख करके विभिन्न त्योहारों एंव अवसरों हेतु शुद्ध चाँदी से बनी वस्तुओं की खरीददारी कर सकते है।

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