Friday, September 5, 2025

Shivay and Vishnu: शिव जी के गले में वासुकी तो,विष्णु जी का शेषनाग पर है, शयनः

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Shivay and Vishnu: वैदिक काल से ही नाग देवताओं का इतिहास रामायण, महाभारत और पुराणों में भी देखने को मिलता है। नाग देवता महर्षि कश्यप और उनकी पत्नी कद्रु के वंशज कहे जाते है। कद्रु ने शेषनाग, वासुकी, तक्षक, कर्कोटक और पद्रम् प्रमुख नागों के अतिरिक्त हजारों नागों को जन्म दिया था। नाग पृथ्वी और पताल लोक के बीच में स्थित नागलोक में निवास करते है इसलिये इन्हें पृथ्वी और पताल लोक का रक्षक कहे जाने के साथ ही शक्ति और सूर्य का अवतार माना जाता है। नागों की पूजा का प्रचलन सिन्धु घाटी सभ्यता से चली आ रही है।

शेषनाग है, अनंत आदिशेष:

भारत के कई स्थानों पर नागों को ग्राम देवता और कुल देवता की संज्ञा दी जाती है। शेषनाग को अनंत या आदिशेष इसलिये भी कहा जाता है। क्योंकि इनके अनंत मस्तक है और यह सृष्टि के विनाश के बाद भी बचे रहते है। संपूर्ण ब्रह्रमांड को अपने फण पर धारण करने वाले भगवान विष्णु के परम भक्त शेषनाग की शैय़्या पर विष्णु जी का विश्राम स्थान है। शेषनाग ने राम अवतार में लक्ष्मण और श्री कृष्ण अवतार में बलराम के रुप में अवतार लिया था। आकाशगंगा को भी शेषनाग के रुप में देखा जाता है और इसी मंदाकिनी में हमारी पृथ्वी स्थित है।

नागलोक के राजा वासुकी शेषनाग के भाई थे जिनके सिर पर नागमणि विराजित थी। यह भगवान शिव के गले में लिपटे हुये है जिनकी लम्बाई लगभग पचास फीट मानी जाती है। भगवान शिव के प्रिय भक्त नाग वासुकी को समुद्र मथंन के समय मंदराचल पर्वत मथने के लिये देवताओं और असुरों ने रस्सी के रुप में इस्तेमाल किया था जिससे वासुकी लहू-लुहान हो गये थे। समुद्र मंथन के बाद भगवान शिव ने वासुकी को अपने गणों में शामिल कर लिया था। महाभारत काल में तक्षक नाग ने जब राजा परीक्षित को डस लिया था तब उनके पुत्र जनमेजय नागों का सर्वनाश करने के लिये सर्पयज्ञ कर रहे थे तब वासुकी ने अपनी बहन के पुत्र आस्तिक के माध्यम से नागों की रक्षा की थी। गुजरात में हाल में खोजे गये वासुकी इंडिकस नामक विशाल सर्प जीवाश्म का नाम वासुकी के नाम पर ही रखा गया है। 

कालिया यमुना नदी का था, विषैला नाग:

पांच फण का कालिया नाग यमुना नदी का विषैला नाग था यह अपने पूर्व जन्म में ॠषि वेदशिरा थे। कालिया नाग यमुना नदी को अपने विष से विषैली कर रहा था जिसे श्री कृष्ण ने युद्ध में पराजित किया और यमुना नदी को छोड़ देने के लिये कहा लेकिन ऐसा माना जाता है कि कालिया नाग ने यमुना नदी को छोड़ कर जाते समय पीछे पलट कर देख लिया था जिसकी वजह से श्री कृष्ण ने कालिया नाग को पत्थर का बना दिया। नागराज मच्छलिंदा ने तेज तूफान और बारिश से बुद्ध को बचाया था। इस प्रकार प्राचीन और वैदिक काल से ही नागों को संरक्षक और देवताओं के रुप में माना जाता है और भारतीय संस्कृति में नागों की पूजा की जाती है।

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