Sunday, October 26, 2025

Shardiya Navratri 2025: कन्या पूजन पर भूलकर कर भी न करें ये गलती, नही तो झेलनी पर सकती हैं मां की नाराजगी

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Shardiya Navratri 2025: शारदीय नवरात्रि का त्योहार शुरू होने जा रहा हैं और इसका समापन कन्या पूजन के साथ होगा। कहते हैं कि कन्या पूजना के बिना नवरात्रि के नौ दिनों के पूजा का फल नही मिलता हैं। इसलिए अष्टमी और नवमी के दिन कन्या पूजन का विधान है और इसके साथ उन्हें कुछ न कुछ उपहार के रूप में भेट दिए जाते हैं। इसके साथ हमें कुछ विशेष बातो का भी ध्यान रखना चाहिए। आइए जानते हैं कन्या पूजन की विधि और क्या न करें…

कन्या पूजन की विधि

  1. पूजन के एक दिन पहले दो से दास साल की 9 कन्याओं और एक बालक (भैरव के रूप में) को घर आने के लिए इनवाइट करें जिसे सारी कन्याएं अपके घर आ सकें।
  2. उन कन्याओं का स्वागत पूरे परिवार के साथ करें और उन्हें साफ और आरामदायक आसन बैठने के लिए दे।
  3. उसके बाद दूध और पानी से सारी कन्याओं के पैर धोकर उन्हें पवित्र करें और उनके पैरों को छूकर आशीर्वाद लें, फिर उनके माथे पर रोली, कुमकुम और अक्षत (चावल) का टीका लगाएं।
  4. कन्याओं के हाथों में कलावा बांधकर मां दुर्गा का ध्यान करें उनका पूजन करके आरती करें उन्हें हलवा,खीर, पूरी, काले चने और नारियल का भोग लगाएं।
  5. फिर सारी कन्याओं को प्यार से हलाव, खीर, पूरी और चने का प्रसाद खिलाए। कन्याओं को अपने हिसाब से उपहार में चुनरी, चूड़ी और पैसे दें।
  6. अंत में सारी कन्याओं के पैर छूकर उनसे आशीर्वाद ले,और उन्हें सम्मानपूर्वक विदा करें।

क्या न करें कन्या पूजन में

  1. किसी भी कन्या के साथ से गुस्सा और गलत व्यवहार नही करना चाहिए।
  2. किसी भी कन्याओं को कांच की बनी चीजे, नुकीली चीजें, काले रंग के कपड़े, प्लास्टिक या स्टील के बर्तन उपहार के रूप में नही देना चाहिए।
  3. कन्या पूजन के लिए जो खाना बनाएं जाते हैं उसमें लहसुन-प्याज भूल कर भी न डालें। सभी कन्याओं को एक सम्मान चीजे दें।
  4. कन्या पूजन के समय जल्दबाजी न करें पहले उनके पैर धोकर, पोंछकर उन्हें आसन पर बैठने के बाद ही प्रसाद खिलाएं।
  5. कन्या पूजन के तुरंत बाद घर की साफ-सफाई नही करनी चाहिए।

कुछ विशेष बातें

  1. कन्या पूजन में 2 से 10 तक के ही कुमारी कन्याओं का पूजन करना अति शुभ माना जाता है।
  2. कम से कम नौ कुमारी कन्याओं का पूजन और फिर एक बालक को भी भोजन जरूर कराना चाहिए। कहते हैं कि इसे हनुमानजी का रूप माना गाए हैं और माँ दुर्गा की पूजा भैरव के बिना पूरी नही होती।
  3. कन्याओं को प्रसाद प्लास्टिक के बर्त्तन में भोजन नही कराने चाहिए बल्कि शुद्ध पत्तल में ही भोजन कराने चाहिए।

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