Sharad Punima 2025: अक्टूबर का महीना देवी लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए बेहद खास होता है। इस महीने कुछ खास तिथियां ऐसी हैं जब धन की देवी लक्ष्मी धरती पर अवतरित होंगी और अपने भक्तों पर धन की वर्षा करेंगी। इनमें शरद पूर्णिमा भी शामिल है, जो सोमवार, 6 अक्टूबर को पड़ रही है। हिंदू पंचांग के अनुसार, शरद पूर्णिमा पर भद्रा का भी प्रभाव रहेगा। इसलिए, ज्योतिषी सलाह देते हैं कि खीर को चांदनी में रखने से पहले भद्रा का ध्यान रखें। आइए जानतें हैं शरद पूर्णिमा पर क्या ना करें और खीर रखने का शुभ मुहूर्त….
शरद पूर्णिमा का महत्व

हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, शरद पूर्णिमा के दिन धन की देवी लक्ष्मी प्रकट हुई थीं। जब देवताओं और दानवों ने समुद्र मंथन किया, तो उसमें से अनेक रत्न और हलाहल विष निकला। धन की देवी लक्ष्मी भी समुद्र मंथन से प्रकट हुई थीं। इसके अलावा, शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से पूर्ण होकर चांदनी के रूप में अमृत की वर्षा करता है। इसलिए शरद पूर्णिमा के रात खीर रखे जाते हैं। इस बार शरद पूर्णिमा 6 अक्टूबर को पड़ रही है।
चांद की रोशनी में खीर रखाने का समय
हिंदू पंचांग के अनुसार, खीर का शुभ मुहूर्त लाभ और उन्नति का होता हैं। जो इस वर्ष 6 अक्टूबर को रात्रि 10:37 बजे से रात्रि 12:09 बजे तक रहेगा। हालांकि, इस दौरान रात्रि 10:53 बजे तक भद्रा भी रहेगी। इसलिए, आप भद्रा से बचकर उन्नति मुहूर्त में कभी भी खीर का भोग लगा सकते हैं।
शरद पूर्णिमा पर इन कार्यों को करने से बचें
ऐसा माना जाता है कि शरद पूर्णिमा के दिन देवी लक्ष्मी स्वयं पृथ्वी पर अवतरित होती हैं और भक्तों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं। इसलिए इस दिन ऐसा कोई भी काम न करें जिससे देवी लक्ष्मी अप्रसन्न हों। अन्यथा, पूरे वर्ष आपको आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ेगा। जानें, 6 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा के दिन किन अशुभ कार्यों से बचना चाहिए।
- शाम को झाड़ू लगाना:- शाम के समय या उसके बाद कभी भी झाड़ू या सफाई न करें, क्योंकि देवी लक्ष्मी सूर्यास्त के बाद ही अपने भ्रमण के लिए निकलती हैं। शरद पूर्णिमा की शाम को यह गलती न करें, वरना देवी लक्ष्मी हमेशा के लिए नाराज हो सकती हैं।
- सफेद वस्तुओं का दान:- शरद पूर्णिमा पर चावल, दूध या चीनी उधार देने या लेने से बचें। इस दिन खीर बनाकर चांदनी में रखी जाती है और अगले दिन प्रसाद के रूप में खाई जाती है।
- धन का लेन-देन:- शरद पूर्णिमा की शाम को किसी से भी व्यक्ति से लेन-देन करने से बचें। इस दिन धन का लेन-देन या आर्थिक लेन-देन करने से भारी नुकसान हो सकता है।
- अन्न का अपमान:- देवी अन्नपूर्णा भी देवी लक्ष्मी का ही एक रूप हैं। शरद पूर्णिमा पर अन्न की बर्बादी से बचें। अन्यथा, आप अन्न के एक-एक दाने के लिए तरस जाएगे।
- मुख्य द्वार पर गंदगी:- देवी लक्ष्मी सदैव वहीं निवास करती हैं जहां साफ़-सफ़ाई रहती है। शरद पूर्णिमा पर अपने घर को साफ़-सुथरा रखें। खासकर, मुख्य द्वार पर गंदगी न छोड़ें। वरना देवी लक्ष्मी द्वार से ही लौट जाएगी और घर में दरिद्रता का वास होगा।
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