shani 2025: 13 जुलाई से शनि देव मीन राशि में वक्री हो चुके हैं। वहीं 28 नवंबर को मार्गी होंगे। बता दें कि इस साल 138 दिनों की वक्री चाल में शनि अपनी दिशा नहीं, बल्कि गति बदलते हैं। ये परिवर्तन है जो पूरे ब्रह्मांडीय चक्र को झकझोर देता है।
शनि देवता को वैदिक ज्योतिष में कर्म का न्यायकर्ता और धैर्य का परीक्षक माना जाता है। शनि जब भी वक्री होते हैं, तब उनके प्रभाव में गहराई, देरी और परिणामों की कठोरता बढ़ जाती हैं। यह केवल एक खगोलीय घटना नहीं, ये जीवन के हर क्षेत्र में परीक्षण की घड़ी होती है।
अनाज की पैदावार बढ़ेगी, लेकिन प्राकृतिक आपदाएं गर पैदा करेंगी, जैसे-भूकंप, अग्रिकांड आदि।
मनोरंजन और राजनीति में दुखद समाचार भी देखने को मिल सकते हैं।
मोदी सरकार में तेजी आएगी, यात्रा संबंधी कारणों में बदलाव
विदेशों में सत्ता परिवर्तन हो सकता है, भारतीय रक्षा ताकत में वृद्धि होगी।
क्या है प्रमुख उपाय
छाया दान करें, लोहे का दान करें, काले कुत्ते को रोटी दें।
कमजोरों का अपमान न करें, और अनैतिक कार्यों से बचें,
शनिवार और मंगलावर को हनुमान जी की पूजा करें।
शनि चालीसा, सुंदरकांड पढ़ें।
पीपल के पेड़ के नीचे शाम को सरसों का तेल दीपक जलाएं।
क्या है मेष-मीन राशि तक वक्री शनि का असर
मेष राशि
करियर में परिशानियों और कठिनाईयों के बीच सफलता मिलेगी, साथ ही संघर्ष के बीच सकारात्मक परिणाम मिलेगां।
वृषभ राशि
करियर में उतार चढ़ाव और पारिवारिक जिम्मेदारियां बढ़ेंगी। काम का बोझ भी बढ़ेगा
मिथुन राशि
कार्यस्थल में उपेक्षा महसूस होगी, संयम जरूरी है।
कर्क राशि
विकास के अवसर मिल सकते हैं, यदि नजरंदाज किया तो पछताना पढ़ सकता है।
सिंह राशि
अनावश्यक यात्रा और व्यापार में हानि हो सकने की संभावना है। होशियारी से काम लें। सचेत रहें।
कन्या राशि
कर्ज लेने की नौबत, व्यापार में प्रतिस्पर्धा और निवेश में सतर्कता की आवश्यकता।
तुला राशि
बजट बिगड़ेगा, प्रेम संबंधों में तनाव आ सकता हैं। सचेत रहें
वृश्चिक राशि
परिवार में अशांति और यात्रा में नुकसान संभव है। मानसिक तनाव से बचने के लिए ध्यान जरूरी है
धनु राशि
करियर में ठहराव महसूस हो सकता है अचानक खर्च और यात्रा करनी पड़ सकती है।
मकर राशि
परिवार के साथ शब्दों का चयन थोड़ा सवधानी से करें।
कुंभ राशि
स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखें खर्च और यात्राएं बढ़ेंगी, खास बात ये है कि धन की वृद्धि होगी।
मीन राशि
खर्च और लाभ दोनों एक साथ सोच समझकर निर्णय लें।
कर्मों की परीक्षा .या कल्याण का द्वार?
शनि की वक्री चाल का मतलब होता है कि केवल चाल उल्टी नहीं होती है। समय की चाल भी उलझ जाती है। ये समय अवधि आत्ममंथन संयम और साधना की मांग करती है। वहीं अगर विनम्रता और ईमानदारी के साथ जिए तो शनि वक्री नहीं, वरदान सिद्ध हो सकते हैं।
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