Sawan 2025: 11 जुलाई से सावन का पावन महिना शुरु हो गया है। ये पूरा महिना भोलेनाथ को समर्पित है। वैसे तो भोलेनाथ को एक लोटा जल भी प्रसन्न कर देता है। लेकिन इस महिने के महत्व को देखते हुए भोलेनाथ पर कई तरह की वस्तुएं चढ़ाई जाती है। जो भी उन्हें पसंद है हर कोई उन्हें वस्तुएं अर्पित करने की कोशिश करता है। इन वस्तुओं में शामिल है तेल जी हां तीन प्रकार के तेल चढानाने से लाभ जानकर हैरान रह जाएंगे।
सबसे पहले आता है तिल का तेल
भोलेनाथ पर यदि सावन के महिने में तिल का तेल चढ़ाया जाएं तो तमाम तरह के रोगों, दोष और मानसिक, शारीरिक कष्टों से मुक्ति मिलती है, मान्यता है कि तिल की उत्पत्ति विष्णु जी से हुई है। शिवलिंग पर तिल चढ़ाने से सुख-सौभाग्य बढ़ता है। साथ ही जो लोग महादेव को काले तिल अर्पित करते हैं। तिल का तेल चढ़ाने से शनि के अशुभ परिणामों से मुक्ति मिलती है।

सावन में चंदन का तेल चढ़ाने का महत्व
इस महिने में शिव पर चंदन का तेल चढ़ाने का महत्व है। मान्यता है कि सावन सोमवार के दिन जो लोग महादेव का चंदन के तेल से अभिषेक करते हैं। उनके जीवन में ग्रहों का असुभता दूर होने लगती है। अगर ग्रहों के कारण जॉब में किसी प्रकार की बाधाएं आ रही है तो शिव पर चंदन का तेल चढ़ाने से सभी बाधाओं का नाश होता है साथ ही पारिवारिक रिश्ते भी सुधरते हैं।

सरसों का तेल
घर पर इस्तेमाल होने वाला सरसों का तेल भी चढ़ाते हैं, मान्यता है कि इसके प्रभाव से शत्रु शांत होता है, सरसों का तेल चढ़ाने से विरोधी जो कार्य में बाधाएं पैदा करते हैं वो विफल होता हैं, वहीं भोले भंडारी पर सरसों का तेल चढ़ाने से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या का बुरा प्रभाव भी कम हो जाता है। इसी के साथ जीवन में सुख का आगमन होता है और समृद्धि बढ़ती हैं।
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