Radha Rani 2025: प्रेम और भक्ति की अधिष्ठात्री राधा रानी का 5253वाँ जन्मोत्सव रविवार को बरसाना में पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया गया। इस मौके पर देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी भारी संख्या में श्रद्धालु बरसाना पहुंचे और दर्शन-पूजन का लाभ उठाया।
मूल नक्षत्र में जन्मोत्सव का आयोजन
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, राधा रानी का प्राकट्य भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मूल नक्षत्र में हुआ था। इसी तिथि को राधा अष्टमी के रूप में मनाया जाता है। बरसाना में इस अवसर पर भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा और चारों ओर “राधे-राधे” की गूंज सुनाई दी।
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भव्य महा-अभिषेक
जन्मोत्सव के दौरान राधा रानी के विग्रह का भव्य महा-अभिषेक किया गया। अभिषेक में दूध, केसर, शहद, जड़ी-बूटियों और पवित्र सरोवरों के जल का उपयोग किया गया। करीब 5 क्विंटल दूध, एक किलो कश्मीरी केसर और 20 किलो शहद से महाअभिषेक सम्पन्न हुआ। पूरा वातावरण दिव्य सुगंध और आध्यात्मिक ऊर्जा से भर गया।
कीर्तन-भजन और सजावट
अभिषेक के बाद भक्तों ने भजन-कीर्तन कर राधा रानी की महिमा का गुणगान किया। बरसाना के मंदिर फूलों की सजावट और रंग-बिरंगी रोशनी से जगमगा उठे। हर ओर भक्तिभाव और प्रेम का अद्भुत संगम दिखाई दिया।
यह अवसर न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक रहा बल्कि ब्रज संस्कृति की समृद्ध परंपरा और विरासत को भी उजागर करता है।
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