Wednesday, August 6, 2025

pregnancy: गर्भावस्था में सोने का तरीका सही रखें, नहीं तो हो सकती है बड़ी परेशानी

Share

pregnancy: गर्भावस्था एक ऐसा समय है जब हर छोटी-बड़ी बात का सीधा असर मां के शरीर पर ही नहीं, बल्कि गर्भ में पल रहे बच्चे पर भी पड़ता है। हर कोई इक्तिलाह करता है ऐसे चलना है, ऐसे उठना है सभी काम को सोच समझ कर करना होता है। लेकिन क्या आपको पता है कि प्रेंग्रेसी में सोने के डायेरेक्शन का भी ख्याल रखना पड़ता है।

बता दें कि प्रेग्रेंसी के दौरान सोने की गलत मुद्रा से बच्चे को ऑक्सीजन और पोषण की कमी हो सकती है। आइए जानते हैं कि प्रेग्रेंसी में किस तरह की नींद की आदतें सही है और कौन-सी पोजिशन से बचना चाहिए।

सीधें मुद्रा में सोना हो सकता है खतरनाक?

प्रेग्रेंसी के दूसरे और तीसरे तिमाही में पीठ के बल सोना मना किया जाता है। इस पोजिशन में पेट का वजन शरीर की मुख्य नसों और रक्त धमनियों पर दबाव डालता है,जिससे ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है, जिससे ऑक्सीजन की कमी हो जाती है, इसका सीधा असर बच्चे पर पड़ सकता है।

उल्टा सोना

गर्भ के शुरुआती महीनों में कुछ महिलाएं पेट के बल सोती हैं, लेकिन जैसे-जैसे पेट बढ़ता है, यह पोजिशन बेहद मुश्किल और खतरनाक हो सकती हैं। पेट के बल सीधा सोने से सीधा दबाव पड़ता है, जो बच्चे के विकास में रुकावट डाल सकता है।

बाई तरफ सोना चाहिए?

गर्भावस्था में सबसे सुरक्षित और फायदेमंद नींद बाई करवट मानी जाती है। इससे गर्भाशय को भरपूर खून और पोषक तत्व मिलते हैं, इस तरफ सोने से किडनी भी बेहतर तरीके से काम करती है। ये करवट मां बच्चें दोनो के लिए फायदेमंद है।

सपोर्ट का करें इस्तेमाल

बाई करवट में लगातार सोना मुश्किल लगता है, तो तकियों की मदद ली जा सकती है, तकिया लगाकर नींद को आरामदायक बनाया जा सकता है। बाजार में कई तरह के आरामदायक तकिया मौजूद है उन्हें ला कर आप आराम से सो सकती हैं।

बार-बार करवट बदलना सामान्य है।

ऐसा बिल्कुल जरूरी नहीं है कि वे पूरी रात एक ही करवट में सोए, नींद के दौरान करवट बदल भी जाए तो घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन कोशिश करें कि सोते समय बाईं ओर करवट लेकर ही लेंटे।

ये भी पढ़ें- Acidity: आप भी है एसिडिटी से परेशान, अपनाए 6 तरीके, मिलेंगी जल्द राहत

और खबरें

ताजा खबर