पटना : गोपाल खेमका हत्याकांड: बिहार की राजधानी में हुई बड़े कारोबारी और बीजेपी नेता गोपाल खेमका की हत्याकांड में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। बता दें कि इस केस में मुख हथियार सप्लायर विकास उर्फ राजा को एसटीएफ और पटना पुलिस ने एक संयुक्त मुठभेड़ में ढेर कर दिया है। यह कार्रवाई पटना के फुलवारी शरीफ थाना क्षेत्र में की गई, ये ऑपरेशन पुलिस ने खुफिया सूचना के आधार पर चालाया था
जानें क्या था पूरा मामला
बीते दिनों पटना के किशोर कुमार पथ, कदमकुआं इलाके में दिनदहाड़े गोपाल खेमखा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। ये घटना तब घटी जब वे अपने वाहन पर बैठने जा रहे थे। गोपाल खेमका को गोली गलने के बाद अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी मौत मौके पर हो गई थी। इस घटना से पूरे इलाके में हंडकंप मच गया।
जांच में सामने आई सुपारी
मिली जानकारी के मुताबिक, पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि यह एक सुपारी किलिंग का मामला था। वहीं आरोपी शूटर उमेश को पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया था। पूछताछ के दौरान उमेश ने बताया कि उसे हत्या के लिए 10 लाख रुपये की सुपारी दी गई थी, जिसमें से उसे 1 लाख रूपये एडवांस मिला था। पूछताछ में उसने ये भी कबूल किया कि उसे हथियार विकास उर्फ (राजा) ने मुहैया कराया था।
कैसे मारा गया विकास?
मिली जानकारी के मुताबिक, हथियार सप्लायर विकास उर्फ राजा की लोकेशन मिलते एसटीएफ और पुलिस की टीम ने फुलवारी शरीफ इलाके में घेराबंदी की। जिसके बाद पुलिस को देखते ही विकास ने भागने की कोशिश की और गोलाबारी शुरू कर दी। जवाबी फायरिंग के दौरान पुलिस की गोली से वह घायल हो गया। वहीं अस्पताल ले जाते वक्त उसकी मौत हो गई।
जमीन विवाद का मामला
इस हत्याकांड के पीछे कारोबारी रंजिश और जमीन विवाद की बात भी सामने आ रही है। फिलहाल पुलिस अब इस केस के मास्टरमाइंड की तलाश में जुटी है, जिसने कथित तौर पर सुपारी देकर खेमका की हत्या करवाई। वहीं इस मामले से जुड़े सभी साक्ष्य लोगों से पूछताछ और तकनीकी साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं।
इस हत्याकांड ने एक बार फिर पटना की कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए है। दिनदहाड़े इस प्रकार से गोली मराना और सुपारी किलिंग का एंगल सामने आना, प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है।
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