Pakistan Hindu Temple: पाक के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में हिंगोल नेशनल पार्क के निकट, एक ऐसी जगह है जो न केवल प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है, बल्कि आध्यात्मिक रूप से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह है माँ हिंगलाज का प्राचीन मंदिर, जो देवी दुर्गा के 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। सदियों से, यह मंदिर आस्था और श्रद्धा का केंद्र रहा है, जहाँ दूर-दूर से भक्त अपनी मनोकामनाएं लेकर आते हैं।
कथाओं के मुताबिक, जब भगवान शिव माता सती के वियोग में उनके शरीर को लेकर ब्रह्मांड में तांडव कर रहे थे, तब भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से माता के शरीर के टुकड़े कर दिए थे। माना जाता है कि माता सती का सिर इसी स्थान पर गिरा था, जिसके कारण यह भूमि एक पावन शक्तिपीठ के रूप में प्रतिष्ठित हुई।
भक्तों का अटूट मां पर विश्वास
प्राचीन पत्थरों से निर्मित यह संरचना अपनी भव्यता और कलात्मकता से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देती है। मंदिर परिसर में देवी हिंगलाज की सुंदर प्रतिमा स्थापित है, जो भक्तों को दिव्य ऊर्जा का अनुभव कराती है।
दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद, माँ हिंगलाज के प्रति भक्तों की अटूट आस्था उन्हें यहाँ खींच लाती है। हर साल, नवरात्रि के अवसर पर यहाँ एक विशाल मेला लगता है, जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु भाग लेते हैं। यह मंदिर न केवल हिंदू धर्मावलंबियों के लिए पवित्र है, बल्कि अन्य धर्मों के लोग भी यहाँ श्रद्धाभाव से आते हैं।
हिंगलाज माता का मंदिर भारत और पाकिस्तान के बीच सांस्कृतिक और आध्यात्मिक संबंधों का भी प्रतीक है। यह प्राचीन तीर्थस्थल हमें हमारी साझा विरासत और आस्था की शक्ति की याद दिलाता है। आज भी, यह मंदिर अपनी दिव्यता और शांति के साथ भक्तों को प्रेरित कर रहा है।
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