Monday, October 27, 2025

Nirjala Ekadashi Katha: इस कथा से मिलता है सभी एकादशियों का फल, जरूर सुनें

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Nirjala Ekadashi katha:भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए एकादशी का व्रत सबसे खास माना जाता हैं। बता दें कि पूरे साल में 24 एकादशी तिथि पड़ती है। पंचांग के मुताबिक, एकादशी तिथि पर निर्जला एकादशी मनाई जाती हैं। इस दिन निर्जला एकादशी का व्रत करना चाहिए।

पूजा के दौरान सच्चे मन से व्रत कथा का पाठ जरूर करना चाहिए। धार्मिक मान्यता के अनुसार, निर्जला एकादशी के दिन पूजा और व्रत करने से साधक पर श्रीहरि की कृपा बरसती है आइए सुनते है श्री हरि की कथा..

कथा पढ़ें-

एकादशी की व्रत कथा पांडव भाई भीम से जुड़ी है, जिसकी वजह से निर्जला एकादशी को भीमसेनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। वहीं पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार ऐसा समय आया कि जब भीमसेन ने वेद व्यास को बताया कि उसके सभी भाई हर महीने में पड़ने वाली 2 एकादशी व्रत करते हैं, लेकिन मेरे भीमसेन लिए हर माह में 2 बार एकादशी का व्रत करना पाना कठिन हैं।

Nirjala Ekadashi 2025: निर्जला एकादशी पर बन रहे दुर्लभ शुभ योग! ये गलती पड़ सकती है भारी

वेद व्यास जी से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि निर्जला एकादशी व्रत करने से स्वर्ग की प्राप्ति हो जाती है। उन्होंने बताया कि इस व्रत के दौरान अन्न और जल का त्याग किया जाता ह

उन्होंने बताया कि इस व्रत करने से 24 एकादशी व्रत का शुभ फल प्राप्त होता है और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस व्रत के दौरान अन्न और जल का त्याग किया जाता है।

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