Mathura: यमुना नदी में लगातार बढ़ रहे जलस्तर को देखते हुए जिला प्रशासन ने बाढ़ आपदा को लेकर हाई अलर्ट जारी कर दिया है। जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह और एसएसपी श्लोक कुमार की अगुवाई में हुई बैठक में सभी विभागों को निर्देश दिए गए कि वे हर स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहें।
यमुना का बढ़ता जलस्तर, 3 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा
मथुरा के लिए खतरे की घंटी तब बजी जब यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया। इसको देखते हुए ओखला बैराज से लगातार पानी छोड़े जाने के बाद मथुरा स्थित कुंड बैराज से भी 3 लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा गया। अधिकारियों ने आशंका जताई है कि 4 से 6 सितंबर के बीच यमुना का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर सकता है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने का खतरा है।

ग्राम स्तर तक बनाई गई टीमें, ये हैं तैयारियां
इस संभावित आपदा से निपटने के लिए प्रशासन ने हर स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं।
गांव-गांव बैठक: उपजिलाधिकारियों (एसडीएम) को निर्देश दिए गए हैं कि वे प्रभावित क्षेत्रों के गांव-गांव जाकर बैठक करें और ग्राम स्तरीय टीमों का गठन करें। इन टीमों में पंचायती राज, स्वास्थ्य, राजस्व, पुलिस, पशुपालन, विद्युत और विकास विभाग के अधिकारी शामिल होंगे।
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· स्वास्थ्य व्यवस्था: सीएमओ को निर्देश दिए गए हैं कि सभी शिविरों (शेल्टर होम) में स्वास्थ्य टीम और एंबुलेंस की व्यवस्था अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करें। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियों से बचाव के लिए लगातार एंटी-लार्वा छिड़काव का काम किया जाए। साथ ही सांप काटने की दवा (एंटी-स्नेक वेनम) भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रखी जाए।
· नागरिकों और पशुओं की सुरक्षा: प्रशासन की प्राथमिकता बाढ़ से प्रभावित होने वाले परिवारों और उनके पशुओं को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करने की है। पशुपालन विभाग ने इस बार लगभग 10,000 पशुओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।
· शेल्टर होमों की व्यवस्था: सभी शेल्टर होमों में भोजन, पानी, साफ-सफाई, शौचालय, मेडिकल टीम, बिजली, जेनरेटर और पंखे की उचित व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
· राशन और राहत सामग्री: जिला पूर्ति अधिकारी को आदेश दिया गया है कि सभी राशन डीलरों को सक्रिय रखा जाए और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पहले से ही राशन की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।
नियंत्रण कक्ष सक्रिय, निगरानी जारी
इस संकट की स्थिति से निपटने के लिए कंट्रोल रूम को सक्रिय कर दिया गया है। सिंचाई विभाग को यमुना के जलस्तर पर लगातार नजर रखने और बांधों के निरीक्षण का काम जारी रखने के निर्देश दिए गए हैं। एसएसपी श्लोक कुमार ने नाव और स्टीमर चालकों की एक बैठक बुलाने के साथ-साथ यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि सभी नावों में सुरक्षा उपकरण अनिवार्य रूप से हों। आवश्यकता पड़ने पर बैरिकेडिंग कर वाहनों का आवागमन रोका जाए।

जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह ने सभी अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि इस आपदा प्रबंधन में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस महत्वपूर्ण बैठक में एडीएम, एसडीएम, सीएमओ, सीवीओ समेत जिले के सभी वरिष्ठ विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।
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