Saturday, September 6, 2025

Jitiya Festiva2025: जानें कब और किस दिन मनाया जाएगा जीवित्पुत्रिका व्रत

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Jitiya Festiva 2025: इस व्रत में निर्जला उपवास किया जाता है। सभी माताऐं अपने बच्चों की लंबी उम्र, स्वास्थ्य, समृद्धि,भलाई करती है। विक्रम संवत के आश्विन माह में कृष्ण-पक्ष के सातवें से नौवें चंद्र दिवस सें तीन दिन के लिए मनाया जाता है। जिसकी शुरुआत नहाय-खाय से होती है, दूसरे दिन निर्जला व्रत रखा जाता है, और तीसरे दिन पारण किया जाता है। आइए जानते है क्यों और किस दिन मनाया जाएगा जीवित्पुत्रिका व्रत…

क्यों मनाया जाता हैं जितिया व्रत?

इस दिन माताएं अपने बच्चों के लंबी उम्र, स्वास्थ्य, समृद्धि के लिए जितिया व्रत करती है। जिवितपुत्रिका दिन पर, एक सख्त उपवास किया जाता हैं। जिसे खुर जितिया कहा जाता है, यह त्योहार तीन दिनो तक मनाया जाता हैं। जिवितपुत्रिका के पहले दिन को नहाय-खाय के नाम से जाना जाता है। उस दिन माताएं स्नान करने के बाद ही भोजन करती हैं, दूसरे दिन निर्जला व्रत रखती है। तीसरे दिन व्रत का समापन पारण के साथ होता है, इस दिन अनेक प्रकार के भोजन बनाए जाते है। जैसे करी और सफेद चावल, नोनी का साग और मडुआ की रोटी और तोरी की सब्जी और अनेक प्रकार के आनज को भी प्रयोग किया जाता के साथ पारण किया जाता है। यह त्योहार कई क्षेत्रों में मनाया जाता है।

जितिया व्रत किस दिन हैं ?

इस व्रत को अश्वनी माह में कृष्ण-पक्ष के सातवें से नौवें दिन के बीच मनाया जाता हैं। इसका मतलब हैं कि अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाएगा। ये तिथि 14 सितंबर को सुबह 05 बजे शुरू होगी और वहीं, इस तिथि का समापन 15 सितंबर को देर रात 03 बजे पर होगी। इसके बाद नवमी तिथि शुरू हो जाएगी। इस तरह 14 सितंबर को जितिया व्रत किया जाएगा और 15 सितंबर को पारण किया जाएगा।

जितिया व्रत में किस भगवान की पूजा होती हैं?

जितिया व्रत पर भगवान जीमूतवाहन की पूजा की जाती है, जिनका नाम गंधर्व राजकुमार था। एक पुरानी कथा के अनुसार, राजा जीमूतवाहन ने अपने साहस और सूझबूझ के कारण एक मां के बेटे को जीवनदान दिलाया था। तभी से उन्हें भगवान के रूप में पूजा जाने लगा और सारी माताएं अपने बच्चों की रक्षा के लिए जीवित्पुत्रिका नामक व्रत रखने लगीं।

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