IVF: शादी के कुछ समय बाद हर किसी का सपना होता है पेरेंट बनने का, ताकी घर बच्चों की किलकारियां गूंजें, लेकिन हर मुमकिन कोशिश के बाद भी ये सपना अधूरा रह जाता है। इसके बाद लोग डिप्रेशन का शिकार होते है। कई तरह के प्रॉबल्म का शिकार हो जाते, डॉक्टर की सलाह,अनेक तरह की दवाई, और फिर मानिसक तनाव, तो वही ये साव दिमाग में आना कि क्या कभी कम पेरेंट बन पाएंगे कि नहीं।
लेकिन सांइनस ने इतनी तरकी कर ली कि आज के समय में सब कुछ मुमकिन हो गया है। आइए जानते है कि क्या IVF के जरिए मां बना जा सकता है।
जानें क्या है IVF?
बता दें कि IVF के जरिए महिलाओं के अंडाणु और शुक्राणु को शरीर के बाहर लैब में मिलाया जाता है। यह प्रकिया उन दंपत्तियों के लिए फायदेमंद होती है, जो प्राकृतिक रुप से संतान प्राप्त नहीं कर पा रहे होते।
IVF में कितनी मिलती है सफलता
IVF की सफलता कई तरह की बातों पर निर्भर करती है, जैसे महिला की उम्र, हार्मोनल स्थिती, अंडाणुओं और शुक्राणुओं की गुणवत्ता और हेल्थ कंडीशन। बता दें कि 30 साल से कम उम्र की महिलाओं में इसकी सफलता दर 40 से 50 % तक होती है। लेकिन अगर महिला की उम्र अधिक है तो यह घट सकती हैं।
क्या होता मनचाही संतान का मतलब
मनचाही संतान का मतलब है कि विशेष गुणों वाली संतान नहीं बल्कि स्वस्थ और सुरक्षित गर्भधारण के साथ संतान प्राप्ति तो IVF एक सशक्त विकल्प है।
क्या-क्या फायदें है IVF के
1-उन दंपत्तियों के लिए सहारा जो लंबे समय से नि:संतान हैं।
2- पुरुष बांझपन के मामलों में भी उपयोगी
3-पूरी तरह से सफलता मिलेगी, इस बात की कोई गारंटी नही है।
4- लंबे समय के इंतजार के बाद भी बच्चे नहीं हो रहे है तो आप इस IVF की प्रक्रिया को ट्राई कर सकते है।
5- ट्यूब ब्लॉकेज, पीसीओएस, एंडोमेट्रिओसिस जैसी समस्याओं में सहायक
बता दें कि IVF कोई जादू नहीं, लेकिन यह विज्ञान का ऐसा चमत्कार जरूर है जिसने लाखों दंपत्तियों को संतान सुख दिया है। मानसिक तौर पर तैयार होकर इस प्रक्रिया को अपनाया जाए, तो बच्चा पानी का उम्मीद कामयाब होती है।
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