Haryana news: हरियाणा के हिसार जिले के गांव बालसमंद की बेटी पर सभी को गर्व हो रहा है। उसने वो कर दिखाया वो हर कोई सोच नहीं सकता हैं। बता दें कि कबाड़ी वाले की बेटी सिमरन अब दे की एक दिग्गज टेक कंपनी में सऑफ्टवेयर इंजीनियर बनने जा रही है। सिमरन को सालाना 55 लाख का पैकेज मिला है। लेकिन ये सफलता इतनी आसानी से नहीं मिली जानें क्या है सफलता का राज
मुश्किलों का समना करता परिवार
सिमरन के पिता राजेश कुमार रोज गलियों में कबाड़ बीनकर और बेचकर परिवार चलाते हैं। पूरे परिवार में चार बच्चे-तीन बेटियां और एक बेटा है। लेकिन कमाई का जरिए काफी सीमित है। सिमरन के पिता हालतों से हारे नहीं बेटी का पूरा साथ दिया और उसे पढाया काबिल बनाया। साथ ही सिमरन ने भी कढ़ी मेहनत की।

छोटी उम्र में पहुंच गई आईआईटी
सिमरन ने अपने प्रयास में आईआईटी एंट्रेस एग्जाम क्रैक कर लिया। जिसके बाद आईआईटी मंडी में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में एडमिशन मिला। पूरी लगन से सिमरन ने अपनी पढ़ाई पूरी की। दो महिने के इंटर्नशिप में सिमरन ने कमाल कर दिखाया। सिमरन को 300 इंटन्स में से उन्हे बेस्ट इंटर्न का अवार्ड मिला। ये सिलसिला यहीं नहीं रुका माइक्रोसॉफ्ट की अमेरिकी कंपनी के हेड खुद भारत आई और सिमरन को सम्मान दिया। ये क्षण पूरे गांव और परिवार के लिए गर्व का समय रहा है।
गांव में खुशी का माहौल
Haryana के गांव वालों को पता चला कि उनकी सिमरन ने 55 लाख रुपये के पैकेज के साथ माइक्रोसॉफ्ट जॉब हासिल की है तो गांव में खुशी का माहौल बन गया। पूरे परिवार ने मिठाई बांटी और ढ़ोल- नगाड़े बजाएगें।
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