Hartalika teej: जल्द आ रही है हरतालिका तीज इस त्योहार का इंतजार बड़ी बेसब्री से होता है। हरितालिका तीज के दिन मिट्टी के शिवलिंग और माता पार्वती बनाकर उनकी पूजा की जाती है, मंडप सजाया जाता है। मंडप सजाए बिना पूजा अधूरी मानी जाती है।
5 लड़ियों को बांध कर मड़प जाए। फिर इसे शिव और माता पार्वती की मूर्ति के ऊपर टांगा जाता हैं। 5 लड़ियों का तात्पर्य भोलेनाथ की पांच पुत्रियों जया, विषहरा, शामिलबारी, देव और दोलती का प्रतीक है।
ये 5 लड़ियां फुलेरा प्रकृति को दर्शाती है और माता पार्वती के प्रति समर्पण का प्रतीक है। जो स्त्रियां हरितालिका व्रत नहीं रहती है वे अगर मंडप में सजी इन लड़ियों का दर्शन कर ले तो उस स्त्रियां को हरितालिका व्रत करने के बराबर व्रत का पुन मिलता है और शिव-पार्वती का पूर्ण रूप से आशीर्वाद मिलता है।

लड़िया बनाने के लिए इन वस्तुओं का करे इस्तेमाल
इतना ही नहीं हरतालिका तीज पर फुलेरा के दर्शन करना काशी और सोमनाथ में शिव जी के दर्शन करने के समान फल देता है। हरतालिका तीज पर फुलेरा बनाने के लिए, विभिन्न प्रकार के फूलों, अशोक और आम की पत्तियाों का उपयोग किया जाता है। इतना ही नहीं फुलेरा के दर्शन के वैवाहिक जीवन में सुख समृद्धि आती हैं।
मंडप में लगी इन 5 लड़ियों को कहीं भी न फेंके नहीं इससे दोष लगता है। व्रत और पूजा पूरी होने के बाद इसके फूल और पत्तियां नदीं में प्रवाहित कर दें।
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