Tuesday, August 5, 2025

Hartalika teej: जानें कब है हरतालिका व्रत,मुहूर्त और पूर्ण विधि

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Hartalika teej: हिन्दू धर्म में महिलाओं का एक सबसे पावन त्योहार होता है हरतालिका तीज। यह त्योहार भाद्रपद शुक्ल तृतीया को रखा जाता है और विशेष रूप से भगवती पार्वती और शिव भगवान शिव को समर्पित है। 2025 में हरतालिका तीज 26 अगस्त 2025 को है।

इस व्रत को सुहागिनें और कुवारी लड़कियां दोनों ही इस व्रत को करती हैं। खास बात ये है कि माता पार्वती ने हरतालिका तीज व्रत किया था। इस व्रत को करने से माता पार्वती को शिव जी जीवनसाथी के रूप में मिले। जो स्त्रियां पहली बार इस व्रत को कर रही हैं। वह इसके नियम, विधि जरूर जान लें तभी व्रत का पुण्य प्राप्त होता हैं।

जानें क्यों करते हैं हरतालिका तीज व्रत?

इस दिन विवाहिता अपने पति की लंबी उम्र और सुखद वैवाहिक जीवन के लिए व्रत रखती हैं। वहीं मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए अववाहित युवतियां भी पूरी श्रद्धा के साथ इस व्रत को करती हैं।

कैसे करें तैयारी?

वहीं हरतालिका तीज व्रत से एक दिन पहले रात में एक दिन पहले रात में स्त्रियों को सात्विक भोजन करना चाहिए। साथ ही खीरा जरूर खाएं, इससे अगले दिन व्रत के दौरान पानी की कमी नहीं लगेगी।

कैसे व्रत का संकल्प?

मंत्रों का जाप करते हुए हरतालिका तीज व्रत का संकल्प लें। व्रत वाले दिन सूर्योदय से पहले उठें स्नान करके साफ वस्त्र पहनें। जो लोग पहली बार ये व्रत कर रहे हैं। वह निर्जला व्रत का संकल्प लें। वहीं ध्यान रहे एक बार संकल्प लेने के बाद इस व्रत को तोड़ा नहीं जाता है। सालों साल इसे करना पड़ता हैंं। बता दें कि हरतालिका तीज की पूजा में शिव जी को 16 तरह की पत्तियां चढ़ाई जाती हैं। पूजन की तैयारी पहले से कर लें।

किस समय करें पूजा करें?

हरतालिका तीज की पूजा प्रदोष काल से शुरू होती है। और रात्रि के चारों प्रहर में शिव-पार्वती जी का पूजन, भजन किया जाता हैं। हरितालिका व्रत करने वाले को रात्रि जागरण करने का विधान हैं।

क्या है पूजन विधि

1- सबसे पहले पूजा घर साफ करे फिर शाम को पुन: स्नान करने के बाद स्त्रियां 16 श्रृंगार करें। उसके नीचे मिट्टटी या बालू से शिव पार्वती, गणेश जी की मूर्ति बनाकर स्थापित करें।

2- किसी भी पूजा को करने से पहले गणेश जी की पूजा की जाती हैं तो सबसे पहले गणेश जी की पूजा करें। इसके बाद जल, पंचामृत, बेलपत्र, फूल पत्तियां आदि चढाएं।

3- भगवान शिव की पूजन के बाद माता पार्वती को सुहाग का सामान अर्पित करें और भोग लगाएं

4- रात को जागरण करें। अगली सुबह स्नान करके वस्त्र बदलें और माता पार्वती को सुहाग सामग्री अर्पित करें, तीज की कथा सुनें।

5- अगले दिन सुबह स्नान करके वस्त्र बदलें और माता पार्वती को सिंदूर चढाकर स्वंय लगाएं।

6- सभी पूजन सामग्री को एकत्र कर किसी सुहागिन महिला को दान दें। या किसी कन्या को भी सामान का दान कर सकती हैं।

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