Hariyali Amavsya: हरियाली अमावस्या सावन के उत्तम तिथियों में से एक है, इस अमावस्या पर पितरों का श्राद्ध करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। इस दिन शिव-पार्वती की पूजा करने से सौभाग्य, सुख-शांति और पितृशांति की प्राप्ति होती है। भोलेनाथ इस दिन विशेष रूप से प्रसन्न होते हैं और पितरों का आशीर्वाद मिलता हैं।
इस वर्ष यह अमावस्या कई दुर्लभ और योगों के साथ आ रहा है, ये तिथि 23 जुलाई की रात 2:29 बजे से शुरू होगा और 24 जुलाई को रात 12.41 बजे तक चलने वाली इस अमावस्या पर गुरु पुष्य नक्षत्र योग, रवि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, शिववास योग, बन रहे है।
हरियाली तीज पर ये उपायों से भाग्य का साथ मिलेगा, आर्थिक स्थिति में सुधार होगा हरियाली अमावस्या के दिन स्नान, दान और पूजा के लिए श्रेष्ठ मुहूर्त इस प्रकार से हैं।
श्रेष्ठ मुहूर्त
सबसे पहला सुबह 5.38 से 7.20 तक
उसके पबाद दूसरा मुहूर्त सुबह 10.35 से दोपहर 12.27 तक
तीसरा लाभ मुहूर्त दोपहर 12.27 से 2.10 तक
गंगा में नहाने से दूर होते है पितृदोष
गंगा में स्नान करने से पितरों के लिए पिंडदान और दान-पुण्य करने से पितरों को मोक्ष मिलता है। जीवन के सभी कष्ट दूर होते है। अगर गंगा में स्नान करना संभव न हो तो घर पर गंगाजल मिलाकर स्नान सकते है। विद्वानों से गरुड़ पुराण या पिृत कवच करवाएं। गरीब ब्राह्मणों को भोजन करवाएं और दान-दक्षिणा दें।
आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए घर के ईशान कोण में लाल रंग के धागे से बनी बत्ती में घी का दीपक भी जलाएं। इसके बाद कनकधारा स्त्रोत्र का पाठ करें।
हरियाली अमावस्या की रात पूजा घर की थाली में ऊँ अक्षर लिख कर उस पर लक्ष्मी यंत्र रखें और विधिपूर्वक उसकी पूजा-अर्चना करें। इससे घर-परिवार में शांति बनी रहती हैं।
इन बड़े दोषों से मिलेगी मुक्ति
व्यक्ति के जीवन में यदि कालसर्प दोष है तो इस कारण अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। हरियाली अमावस्या का यह शुभ दिन इस बड़े दोष से मुक्ति दिलाता हैं। विधिपूर्वक इस विधान से पूजा-अर्चना और तर्पण करने से कालसर्प दोष, पितृ दोश और साढ़ेसाती के प्रभाव कम होते हैं।
इस दिन पति-पत्नी भगवान शिव और मां पार्वती का पंचामृत से स्नान करवाएं, इसके साथ ही गंगाजल से शुद्ध करें। मंत्र का जाप करते हुएं भगवान को याद करें यह उपाय पितृ दोष और कालसर्प दोष से मुक्ति दिलाने में अत्यंत सुखदायी हैं।
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