Geeta: भारत में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आंतकी हमले के बाद भारत ने पाक को मुहतोड़ जवाब दिया लेकिन ना पाक पाकिस्तान ने अपनी कायराना हरकत का सबूत देते हुए, भारत पर फिर से हमला किया, लेकिन भारतीय सेना ने बड़ी दृढ़ता के साथ पाक के हर इरादें को नाकाम कर दिया। दोनों देशों के बीच टेंशन का माहौल रहा। साथ ही युद्ध की स्थिति देखने को मिल गई।
क्यों जरूरी है युद्ध
पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी। जिसका बदला भारतीय सैनिकों ने ऑपरेशन सिंदूर से लिया। Geeta में कहा गया है कि युद्ध किसी भी स्थिति में ठीक नहीं होता। लेकिन न्याय, आत्मरक्षा, प्रतिशोध आदि कई ऐसी वजह है जिसमें युद्ध होना जरूरी भी माना गया है। अगर युद्ध करने का उद्देश्य धर्म की रक्षा करना है तो युद्ध जरूरी है। धर्म की रक्षा के लिए स्वंय श्रीकृष्ण न्याय युद्ध की बात करते हैं।
द्वापर युग धर्म की रक्षा के लिए महाभारत का युद्ध हुआ, पहले श्रीकृष्ण ने इसे रोकने की पूरी कोशिश की लेकिन अधर्मियों के न मानने पर युद्ध का उद्धघोष हुआ। ये युद्ध लगभग 18 दिन तक चला था। इसमे घटित घटनाएं आज भी लोगों को याद है साथ ही शिक्षा भी देती है।

क्या थे महाभारत युद्ध के कारण
कहते हैं महाभारत युद्ध होने के कई कारण थे जैसे द्रोपदी का चीरहरण, द्रोपदी का अहंकार, कौरवों का राजपाट के प्रति लालच। तो वहीं युद्ध का कारण कुछ भी हो लेकिन भगवान श्रीकृष्ण ने न्याय युद्ध को सर्वोपरि रखा है। इसलिए न्याययुद्ध को धर्मयुद्ध की श्रेणी में रखा जाता है।
Geeta में श्रीकृष्ण ने कहा कि जब अन्याय चरम पर हो तो युद्ध जरूरी हो जाता है। साथ ही अगर युद्ध की अवश्कता है और आप इससे भागतो हैं तो आप पाप के भागीदार बन जाते हैं।
अगर बिना युद्ध के बन जाए बात
श्रीकृष्ण ने गीता में यह भी कहा हो कि, युद्ध के सृजन से पहले विनाश होता है। किसी भी परिस्थिति में युद्ध को पहला विकल्प नहीं मानते हैं। सबसे पहले परिस्थिति को बिना युद्द को सुलझाया जा सके तो हर संभव प्रयास जरूर करें।
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