Ganesh Visarjan 2025: गणेश चतुर्थी के दिन लोग अपनें घरों में बप्पा की स्थापना करते है। भक्त 10 दिनों तक पूरी श्रृद्धाभाव से विग्नघर्ता की पूजा-अर्चना करते हैं। 10 दिन तक बप्पा को घर पर विराजित करने के बाद इस वादे के साथ इन्हें विदा करते है कि बप्पा अगली वर्ष जल्दी आना…
क्यों करते है गणेश विसर्जन?
पौराणिक कथा के अनुसार गणेश चतुर्थी के दिन से गणेश जी ने महाभारत लिखने का कार्य शुरू किया था और लगातार 10 दिनो तक लिखते रहें। जब वेदव्यास जी ने दस दिन बाद अपनी आंखे खोली तो उन्होंने देखा कि गणेश जी के शरीर का तापमान बहुत बढ़ गया था जिसे शीतल करने के लिए, वेदव्यास जी ने उन्हें जल में डुबकी लागने के लिए कहा तभी से गणेश विसर्जन कि प्रथा शुरू हुई। इसके साथ एक कथा और है जिसमें लोग गणेश विसर्जन के समय उन्हें दोबारा आने की विनती करते हैं। प्राचीन कथा के अनुसार गणेश जी एक बार अपने बड़े भाई कार्तिकेय से मिलने उनके घर दक्षिण दिशा महाराष्ट्र गए थे और वहां दस दिनों तक रूके थे,इसके बाद उनकी सम्मान के साथ विदाई की गई थी। जब वे अपने घर लौटे, तो भक्तों ने उनसे दोबारा आने की प्रार्थना की थी।

गणेश विसर्जन का दिन और मुहूर्त
इस बार गणेश विसर्जन शनिवार 6 सितंबर को अनंत चतुर्दशी के दिन होगा। विसर्जन का शुभ मुहूर्त सुबह 07 बजकर 30 मिनट सें 09 बजे तक और दोपहर में 12 बजे से 05 बजे तक रहेगा।
विसर्जन’ का अर्थ
गणेश विसर्जन का अर्थ है गणेश की मूर्ति को जल में प्रवाहित करना। मूर्ति को मिट्टी से बनाया जाता है, जो पंचभूत (पांच तत्व) में से एक है। विसर्जन द्वारा, निर्जीव मिट्टी की मूर्ति को मिट्टी में ही मिला दिया जाता है, जो प्राकृतिक प्रक्रिया का हिस्सा है। ये परंपरा हमें ये भी सीखती है कि जो इस पृथ्वी में आया है उसे अंतत: वापस लौट जाना है। इस सांसारिक मोह छोड़कर चीजों के चक्र को समझना आसान हो जाता है।
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