DIWALI: October 2025: दिवाली के अवसर पर समस्त हिंदू धर्म के लोग अमावस्या की काली रात को दीपों से प्रज्ज्वलित करके प्रभु श्रीराम के वनवास से अयोध्या लौटने खुशी उत्सव रुप में मनाते है। इस पावन अवसर पर धन की देवी माता लक्ष्मी को रिद्धि सिद्धि और बुद्धि के देवता भगवान गणेश के साथ पूजा जाता है। मान्यता है कि माता लक्ष्मी के अतिप्रिय़ भगवान गणेश दत्तक पुत्र है विघ्नहर्ता विघ्नों को हरने के साथ धन को विवेक और संतुलन के साथ सही उपयोग करने की प्रेरणा देते है। माता लक्ष्मी को अलग-अलग रुपों में पूजने से भक्त की इच्छाओं के अनुरुप शुभ फलों की प्राप्ति होती है। स्थायी धन संचयन के लिये माता लक्ष्मी को धन के प्रबंधक कुबेर के साथ पूजा जाता है


श्रीहरि के साथ माता लक्ष्मी का पूजन पूर्णता को करता है, प्रदर्शितः
सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी का पूजन जीवन में पूर्णता को प्रदर्शित करता है। कहते है जहाँ श्रीहरि होते है वहाँ माता लक्ष्मी अवश्य निवास करती है। इसलिये जब भी भगवान विष्णु पृथ्वी लोक पर अपने अलग-अलग रुपों में अवतार लेते है तब माता लक्ष्मी भी जन्म लेती है। जब भगवान विष्णु ने श्री कृष्ण का अवतार लिया तो माता लक्ष्मी ने राधा रुप में जन्म लिया था। जिसके कारण राधारानी को श्रीजी नाम से भी पुकारा जाता है।


अधंकार में सकरात्मकता को प्रदर्शित करता है,माता लक्ष्मी का वाहन उल्लूः
धन की देवी माता लक्ष्मी के आगमन के विभिन्न उद्देश्यों को दर्शाते उनके वाहन उल्लू, कमल और हाथी है। उल्लू बुद्धिमान, निशाचर, निर्भय एंव अधंकार में सकरात्मक बने रहने की क्षमता को प्रदर्शित करता प्राणी है। यह कम रोशनी में देखने, ध्वनि को सटीकता से सुनने की क्षमता के साथ सर्तकता से भी परिपूर्ण होता है। मान्यता है कि जब माता लक्ष्मी स्वर्गलोक से पृथ्वी लोक की ओर अमावस्या की अंधेरी रात में पधार रही थी तब कोई भी पशु पक्षी उन्हें देखने मे सक्षम नही था।


उस समय उल्लू ने माता लक्ष्मी को देखकर अपनी सवारी के रुप में स्वीकार करने का आग्रह किया। तब माता लक्ष्मी ने उल्लू को अपनी सवारी रुप में स्वीकार किया। उल्लू वाहन पर सवार माता लक्ष्मी यह संकेत देती है कि व्यक्ति को ज्ञान और विवेक का सही इस्तेमाल करते हुये उनका अपने जीवन में महत्व प्रदान करना चाहिये। जबकि उन्नति के मार्ग को प्रशस्त करने के लिये माता लक्ष्मी हाथी वाहन पर सवार होकर आती है। धन की वर्षा करती कमल पर बैठी माता लक्ष्मी धन आगमन और समृद्धि का शुभ संकेत देती है।


