cancer: विटामिन डी शरीर के लिए एक जरूरी न्यूट्रिएंट्स है, विटामिन डी कैल्शियम,मसल्स,इम्युन फंक्शन के साथ ब्रेन की एक्टिविटी मे भी अहम भूमिका निभाता है, जरूरत से अधिक शरीर में इस विटामिन की मात्रा नुकसानदायक भी हो सकती है। आइए जाते है कि हमें हेल्दी बॉडी के लिए कितना विटामिन डी लेना चाहिए?
जानें कब हो जाता है विटामिन डी खतरनाक?
एक्सपर्ट के मुताबिक कुछ महीनों तक रोज 60 हजार आईयू विटामिन डी लेने पर शरीर में ये टॉक्सिटी का कारण बन सकता है। इसे विटामिन डी टॉक्सिटी या हाइपरविटामिनोसिस कहते हैं।
किस कितने जरूरत है विटामि डी की
बता दें कि एक साल से कम बच्चा एडल्ट, प्रेगनेंट या ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं में विटामिन डी की कमी हो सकती है। इस विटामिन की कमी को पूरा करने के लिए उन्हें रोज 10 माइक्रोग्राम विटामिन डी की जरूरत होती हैं। बता दें कि एक साल से छोटे बच्चों के लिए 8.5 से 10 माइक्रोग्राम डेली विटामिन डी की सलाह दी जाती है।
विटामिन डी बॉडी में जादा होने से कुछ ऐसे रिएक्ट करती है
बॉडी में विटामिन डी की ओवरडोज की ओवरडोज होने पर भूख कम लगने लगती है। कुछ खाने का मन नहीं करता है। इसकी अधिक मात्रा होने से खून में कैल्शियम जमा होना शुरू हो सकता है, जिसे हाइपरकैल्शीमिया कहते हैं। इसे जी मचलना, उल्टी कमजोरी आदी सामने आते हैं।
वहीं विटामिन डी टॉक्सिटी का असर डाइजेशन सिस्टम पर भी देखने को मिल सकता है। शरीर में कैल्शियम कार्बोनेट बढ़ने से कब्ज की समस्या होने लगती है।
थकान, सुस्ती होना शरीर में हाइपरकैल्सीमिया का सामान्य लक्षण है, जो अधिक मात्रा में विटामिन डी के सेवन से हो सकता है। इसका असर रोजमर्या की जिन्दगी में पड़ता है।
एक्सपर्ट्स के मुताबिक विटामिन डी की अधिक मात्रा कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकती है। इसके साथ ही हार्ट डिजीज और बोन फ्रैक्चर का भी बढ़ सकता है।
अगर आपके शरीर में हड्डियों में दर्द होता है तो विटामिन डी की कमी का एक लक्षण है।
यूं रखें खुद का ख्याल
फैटी फिश, सैल्मन, ट्यूना, सार्डिन्स, एग यॉक, कॉड लिवर ऑयल और सुबह की सनलाइट शरीर के लिए विटामिन डी आइडल डोज में सहायता करती हैं।
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