Bakrid 2025: 6 जून और 7 जून को ईद-अल-अजहा यानी बकरीद मनाई जाएगी। बकरीद के दिन इस्लाम धर्म में बकरे की या किसी और जानवर की कुर्बानी देते हैं। जिसे लेकर एक बड़े मुस्लिम देश ने बड़ा फैसला लिया है। बता दें कि 99% मुस्लिम आबादी वाले इस्लामिक मुल्क मोरक्को ने कुर्बानी को लेकर सख्त आदेश दिए है कि कोई भी नागरिक ईद पर बकरे या किसी और जानवर की कुर्बानी नहीं देगा, इस आदेश के बाद पूरे देश में बकरे ढूंढने के लिए छापेमारी चल रही है।
वहीं अब मोरक्को के राजा मोहम्मद-VI के शाही फरमान के कारण जनता में काफी गुस्सा देखने को मिल रहा है क्योंकि उनके फरमान के बाद शहरों में कुर्बानी रोकने की कार्रवाई शुरू कर दी है। इस्लाम धर्म में बकरीद के दिन कुर्बानी देने का बहुत महत्व बताया गया है।
इस त्योहार का मकसद अल्लाह की राह में उस चीज की कुर्बानी देना होता है जो आपको सबसे ज्यादा प्यारी हो। मुसलमानों को अपना कर्तव्य निभाने और अल्लाह पर विश्वास रखने का पैगाम देती है।

मोरक्को के राजा ने क्यों लगाई कुर्बानी पर रोक
मोहम्मद-VI ने भयंकर सूखे का कारण पशुओं की संख्या काफी कम हो रही है। जिसके चलते राजा ने फैसला लिया कि इस बार बकरीद के त्योहार को लोग इबादत और दान करके मनाएं लेकिन कुर्बानी देने से बचें। राजा के फैसले के बाद अधिकारियों ने जानवरों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है और छिपे कुर्बानी के लिए लाई गई भेड़ों कको घरों से जब्त कर लिया गया है। लेकिन लोगों में इसका गुस्सा देखने को मिल रहा है लोगो विरोध प्रदर्शन कर रहे है।
क्या सोचता है मुस्लिम वर्ल्ड?
बता दें कि मोहम्मद-VI के इस फैसले पर मुस्लिम वर्ल्ड ने भी आपत्ति जताई है और उन्होंने इसको खतरनाक मिसाल बताया है। उनका ये भी कहना है कि धार्मिक रीति-रिवाजों में सरकार दखल दे रही है। लेकिन कुछ लोग सरकार के इस फैसले से सहमत भी दिख रहे है आर्थिक और स्वास्थ्य की स्थिति को देखते हुए फैसले का बचाव कर रहे हैं।
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