Ajna Chakra: आज्ञा चक्र, जिसे तीसरी आँख भी कहा जाता है, भगवान शिव से जुड़ा हुआ है। यह चक्र हमें भीतर की शक्ति और आत्मज्ञान से जोड़ता है — ठीक वैसे ही जैसे शिव ध्यान में रहकर ब्रह्मांड की गहराइयों को देखते हैं। आइए विस्तार से जानते आज्ञा चक्र के बारे में
आज्ञा चक्र
अनाहत और विशुद्धि चक्र के बाद आता है छठा ऊर्जा केंद्र – आज्ञा चक्र, जिसे Third Eye Chakra कहा जाता है। यह चक्र हमारी अंतर्ज्ञान, ज्ञान (Wisdom), और Inner Visionका केंद्र है। यह चक्र हमारी दोनों भौहों के बीच (माथे के मध्य) स्थित होता है। इसका तत्व: मन है, रंग नीला-बैंगनी ,और बीज मंत्र: “ॐ” (OM) है।

जब यह चक्र संतुलित (Balanced) होता है तब व्यक्ति की सोच स्पष्ट (Clarity of Thought) होती है। अंतर्ज्ञान और निर्णय लेने की शक्ति मज़बूत होती है। मन शांत और स्थिर रहता है।
जब यह चक्र असंतुलित (Unbalanced) होता है तब मानव को बार-बार कन्फ्यूज़न, नकारात्मक सोच और निर्णय लेने में कठिनाई होती है । सिरदर्द, आँखों और नींद से जुड़ी समस्याएँ रहती है । साथ ही इंसान को हमेशा भविष्य को लेकर डर और अनिश्चितता रहती है ।
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आज्ञा चक्र को संतुलित करने के उपाय
योग आसन (Yoga Poses)
बालासन (Child’s Pose),ध्यान मुद्रा (Meditation Pose),पद्मासन (Lotus Pose),गरुड़ासन (Eagle Pose)
खान-पान (Food)
नीले और बैंगनी रंग के फल जैसे ब्लूबेरी, ब्लैकबेरी, अंगूर। डार्क चॉकलेट और हर्बल टी।

और क्या करें (Lifestyle Tips)
रोज़ाना ध्यान (Meditation) करें। चाँदनी रात या शांत वातावरण में समय बिताएँ। डायरी लिखने और आत्मचिंतन (Self-Reflection) की आदत डालें। रत्नों में एमेथिस्ट, लैपिस लाजुली पहन सकते हैं।
सकारात्मक वाक्य (Affirmation)
आज्ञा चक्र को सक्रिय करने के लिए रोज़ यह वाक्य दोहराएँ: “मेरी अंतर्ज्ञान शक्ति स्पष्ट है, मैं सत्य को देख सकता/सकती हूँ और मेरे भीतर ज्ञान का प्रकाश है।” (My intuition is clear, I see the truth, and wisdom shines within me.)
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