Monday, October 27, 2025

Supreme Court: नवजात की चोरी पर कोर्ट का सख्त आदेश, रद्द् हो अस्पताल का लाइसेंस

Share

Supreme Court: एससी ने चाइल्ड ट्रैफिकिंग के मामले में सुनवाई करते हुए बेहद खास टिप्पणी दी है। जिसके बाद कोर्ट ने कहा कि अगर कोई नि:संतान है या फिर बेटे की चाहत है तो संतान पाने का ये तरीका ठीक नहीं कि किसी और का बच्चा चुरा ले। उन्होंने कहा कि एक आरोपी को लंबे समय से बेटे की चाहत थी तो उन्होंने 4 लाख रुपये में बच्चे को खरीद लिया, जबकि उन्हें पता था कि बच्चा चोरी किया गया था। कोर्ट ने भावुक होकर कहा कि उन माता-पिता का दर्द समझो, जो ये जानते है कि उनका बच्चा किसी अज्ञात गिरोह के पास है।

हाईकोर्ट को कम से कम शर्तें तो लगानी चाहिए थी

कोर्ट ने कहा कि यूपी सरकार और इलाहाबाद हाईकोर्ट को लेकर नाराजगी जताते हुए कहा कि उनकी तरफ से जरा भी गंभीरता नजर नहीं आई।

एससी ने आरोपियों की जमानत को लेकर हाईकोर्ट के फैसले पर भी सवाल खड़े किए। साथ ही कोर्ट ने कहा कि बेल देते हुए समय हाईकोर्ट को कम से कम शर्तें तो लगानी चाहिए थी। ताकि जिसने बच्चा लिया हो वो पुलिस स्टेशन आ सके। अब पुलिस के पास इन लोगों का कोई भी डाटा मौजूद नहीं हैं। आगे कोर्ट ने ये भी कहा कि संतान न हो तो संतान पाने का ये तरीका सही नहीं कि किसी दूसरे का बच्चा खरीद लो और ये पता होते हुए भी कि बच्चा चोरी किया गया था।

अस्पतालों से बच्चा चोरी की घटना सामने आई थी

मिली जानकारी के मुताबिक,वाराणसी और उसके आस-पास के अस्पतालों में बच्चा चोरी की कई घटनाएं सामने आई थी। जिस पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा था। पिछले साल इस मामले के आरोपियों को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत दे दी थी, इस मामले के खिलाफ बच्चों के परिजनों ने एससी से गुहार लगाई थी।

एससी ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह उसकी सिफारिशों पर गौर करें। कोर्ट ने देशभर के सभी हाईकोर्ट को चाइल्ड ट्रैफिकिंग मामलों के लंबित मुकदमों की स्थिति जानने के लिए भी निर्देशित किया है। वहीं 6 महीने में इन मुकदमों का निपटारा करने का भी निर्देश दिया गया।

ये भी पढ़ें- http://st Bengal Violence : यूपी सीएम योगी ने बंगाल हिंसा पर दिया बड़ा बयान, कहा…

और खबरें

ताजा खबर