Dhanteras:October 2025: मान्यता है कि अमरता के लिये अम्रत पाने के उद्देश्य से देवताओं और असुरों द्वारा जब भगवान शिव के गले में विराजमान वासुकी नाग की सहायता से समुद्र मंथन किया गया तब 14 मूल्यवान रत्नों की प्राप्ति हुई थी। जिसमें भगवान धन्वतंरि धनतेरस के दिन एक हाथ में अम्रत कलश और दुसरे हाथ में आयुर्वेद ग्रंथ लेकर प्रकट हुये थे। भगवान धन्वतंरि को आरोग्य का देवता और देवताओं का वैध कहा जाता है।


दीर्घायु कामना हेतु करें, भगवान धन्वतंरि की पूजाः
कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि धनतेरस के दिन लोग अपने समस्त परिवार के सदस्यों की दीर्घायु एंव स्वास्थ्य की कामना हेतु समुद्र मथन में प्रकट हुये आरोग्य के देवता भगवान धन्वतंरि की विधि विधान से पूजा अर्चना करते है। कुछ कथायें यह भी बताती है कि राजा हिम के पुत्र की विवाह के कुछ दिनों बाद ही मृत्यु हो गई थी।जिसके उपरान्त उनकी पुत्रवधु ने अपने पति के प्राणों को बचाने के लिये दीपदान किया था। जिसकी वजह से राजा हिम के पुत्र के प्राण लेने के लिये आये यमराज वापस लौट गये थे।


दक्षिण दिशा में जलाये यमराज के नाम का दीपकः
हिंदू धर्म में धनतेरस के दिन यमराज के वासस्थान दक्षिण दिशा में यमराज के नाम का दीपक जलाने की परम्परा सदियों से चली आ रही है। इस दिन दीपक जलाने से अकाल मृत्यु का भय समाप्त होता है। धनतेरस के दिन यक्षों के राजा महर्षि विश्रवा एंव देववर्णिणी के पुत्र नौ निधियों के देवता धन प्रबंधक भगवान कुबेर के साथ धन सृजन की देवी माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। माना जाता है कि कुबेर अपने पूर्व जन्म में ब्राह्मण पुत्र गुणनिधि भगवान शिव के परमभक्त थे। भगवान शिव के वरदान के कारण कुबेर धन के देवता रुप में प्रस्थापित हुये। कुबेर सर्वभौम हाथी की सवारी करते है लेकिन पद्म पुराण के अनुसार धन का उपभोग मानव द्वारा किये जाने के कारण कुबेर का वाहन मनुष्य को माना गया है।

विषम संख्या में झाडू खरीदने से प्रसन्न होती है, माता लक्ष्मीः
धनतेरस के दिन सोने, चाँदी के गहने, बर्तन एंव गणेश लक्ष्मी और घर में झाडू लाना शुभता का प्रतीक माना जाता है, इन सभी वस्तुओं में माता लक्ष्मी का वास माना है। धनतेरस के इस पावन त्योहार के अवसर पर घर में 13 दीपक जलाने और विषम संख्या में झाडू की खरीदारी करने से घर में सुख, सौभाग्य, समृदिॄ और धन धान्य का आगमन होता है एंव संपूर्ण वर्ष घर में धन की देवी माता लक्ष्मी का वास बना रहता है।
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