Sunday, October 26, 2025

Saharanapur News: विदेश मंत्री से मिलने के बाद मौलाना अरशद ने कहा ये बड़ी बात

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Saharanapur News: अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी से मुलाकात के बाद मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि भारत-अफगानिस्तान के रिश्ते सिर्फ धार्मिक या अकादमिक नहीं, बल्कि ऐतिहासिक हैं, क्योंकि दोनों देशों ने विदेशी ताकतों से आजादी के लिए लड़ाई लड़ी है। उन्होंने आगे कहा कि उनकी बातचीत में कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं था, बल्कि आपसी संबंधों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। आइए जानतें हैं पूरी खबर…

अरशद मदनी की विदेश मंत्री से हुई बात

अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी इन दिनों भारत दौरे पर हैं। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने आज मुत्तकी से मुलाकात की। इस दौरान, अरशद मदनी ने कहा कि भारत और अफगानिस्तान के रिश्ते सिर्फ धार्मिक या शैक्षिक नहीं, बल्कि ऐतिहासिक हैं। उन्होंने कहा, मैंने उनसे कहा कि हमारा रिश्ता सिर्फ मदरसों या शिक्षा तक सीमित नहीं है। अफगानिस्तान ने भारत की आजादी में योगदान दिया है। हमारे बुज़ुर्गो ने भारत की आजादी की लड़ाई में अफगानिस्तान की धरती को चुना था।

मौलाना अरशद मदनी ने आगे कहा कि जिस तरह भारत ने अंग्रेजों को हराया, उसी तरह अफगानिस्तान ने अमेरिका और रूस जैसी ताकतों को हराया। उन्होंने कहा, “आपने हमसे सीखा कि आजादी कैसे हासिल की जाती है।” उन्होंने बताया कि अफगान विदेश मंत्री मुत्तकी के साथ यह मुलाकात भारतीय मुसलमानों और दारुल उलूम देवबंद तथा अफगानिस्तान के बीच गहरे रिश्तों का प्रतीक है।

अफगानिस्तान से नहीं आएगा आतंकवादी भारत

मिली रिपोर्ट के अनुसार, अरशद मदनी ने कहा, दुनिया के सभी देशों में धर्म से ऊपर उठकर सद्भाव और शांति होनी चाहिए। हमारी बातचीत में कोई राजनीतिक मुद्दा शामिल नहीं था, बल्कि आपसी संबंधों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। मदनी ने यह भी कहा कि भारत हमेशा से अफगानिस्तान से आतंकवादियों के भारत भेजे जाने की शिकायत करता रहा है, लेकिन इस बैठक के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि अफगानिस्तान से कोई भी आतंकवादी भारत नहीं आएगा।

विदेश मंत्री ने कहा

अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी ने शनिवार को कहा कि भारत और अफगानिस्तान के रिश्ते भविष्य में और मजबूत होंगे। उन्होंने दारुल उलूम देवबंद में मिले गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए भारत के लोगों का शुक्रिया अदा किया। दारुल उलूम देवबंद दक्षिण एशिया का सबसे प्रभावशाली इस्लामी शिक्षण संस्थान माना जाता है। सहारनपुर पहुंचे मुत्तकी ने कहा कि हम यहां नए राजनयिक भेजेंगे और उम्मीद है कि आप लोग भी काबुल आएंगे। दिल्ली में जिस तरह का स्वागत हुआ, उससे मुझे विश्वास है कि आने वाले समय में भारत-अफगानिस्तान के रिश्ते और प्रगाढ़ होंगे। भविष्य में इस तरह के दौरे और बढ़ सकते हैं।

मुत्तकी का किया गया भव्य स्वागत

दिल्ली से सड़क मार्ग से देवबंद पहुंचे मुत्तकी का स्वागत दारुल उलूम देवबंद के मोहतमिम (कुलपति) अबुल कासिम नोमानी, जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी और दारुल उलूम के पदाधिकारियों ने किया। सैकड़ों छात्र और स्थानीय लोग मुत्तकी से मिलने के लिए उत्सुक थे, लेकिन सुरक्षा कारणों से उन्हें पास नहीं जाने दिया गया। मुत्तकी ने कहा, “मैं इस भव्य स्वागत और लोगों के स्नेह के लिए आभारी हूं”

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