Monday, October 27, 2025

Lehra Devi Temple of Maharajganj: श्रद्धा, इतिहास और भव्य परंपराओं का संगम

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Lehra Devi Temple of Maharajganj: महराजगंज जिले में भारत-नेपाल सीमा के पास स्थित लेहड़ा देवी मंदिर नवरात्र के दौरान लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बन जाता है। यहां न सिर्फ भारत बल्कि पड़ोसी देश नेपाल से भी बड़ी संख्या में भक्त माता के दर्शन के लिए आते हैं।

प्राचीन मान्यता और ऐतिहासिक महत्व

स्थानीय मान्यताओं के अनुसार यह मंदिर कभी घने जंगल के बीच बसा हुआ था। एक तालाब के किनारे माता की पवित्र पिंडी स्थापित की गई थी, जिसके बाद यह स्थान लेहड़ा देवी के नाम से प्रसिद्ध हो गया।
कहा जाता है कि महाभारत काल में पांडवों ने अपना अज्ञातवास यहीं बिताया था। यही नहीं, सरोवर के किनारे युधिष्ठिर ने यक्ष के कठिन प्रश्नों का उत्तर देकर अपने भाइयों को पुनर्जीवित किया था।

किंवदंतियों से जुड़ी कथाएं

लेहड़ा देवी मंदिर कई रोचक लोककथाओं से भी जुड़ा हुआ है। मान्यता है कि माता प्रतिदिन नदी पार कर पास के पौहारी बाबा के दर्शन करने जाती थीं। एक दिन नाविक की गलत नीयत देखकर माता ने अपना विकराल रूप धारण किया और नाविक नाव समेत नदी में समा गया।
अंग्रेजों के समय की एक घटना भी लोगों में प्रचलित है। बताया जाता है कि उस समय के एक अफसर ने माता की पिंडी पर गोली चला दी थी। पिंडी से रक्त प्रवाहित होने लगा और अफसर घोड़े समेत मौके पर ही मारा गया। उसकी कब्र आज भी मंदिर के पश्चिम दिशा में मौजूद है।

नवरात्र में विशेष आयोजन

नवरात्र के दिनों में यहां माहौल बेहद भक्तिमय हो जाता है। मंदिर परिसर में अखंड कीर्तन, भजन-पूजन और कन्या भोज जैसे कार्यक्रम होते हैं। इस दौरान नेपाल से आने वाले भक्त अपनी पारंपरिक वेशभूषा में यहां पहुंचकर माता का आशीर्वाद लेते हैं। भारत और नेपाल की साझा संस्कृति और परंपरा की झलक यहां साफ दिखाई देती है।

अखंड ज्योति और प्रसाद की परंपरा

मंदिर परिसर में स्थित पौहारी बाबा के मठ में 24 घंटे अखंड ज्योति जलती रहती है। भक्त मंगलवार और नवरात्र में यहां से भभूत (राख) लेकर जाते हैं। माता को नारियल, चुनरी और लावा चढ़ाने की परंपरा भी सदियों से चली आ रही है।

सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

नवरात्र के दौरान लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए प्रशासन पूरी तैयारी करता है। पुलिस कप्तान सोमेंद्र मीणा ने बताया कि सुरक्षा के लिए थानाध्यक्षों, महिला पुलिसकर्मियों, पीएसी बल, ट्रैफिक पुलिस और फायर ब्रिगेड की गाड़ियां तैनात की जाती हैं, ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा न हो।

भक्तों की आस्था

भक्तों का विश्वास है कि जो भी आठ मंगलवार तक माता को नारियल और चुनरी अर्पित करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यही वजह है कि लेहड़ा देवी मंदिर न केवल महराजगंज बल्कि आसपास के जिलों और नेपाल के लोगों के लिए भी आस्था का प्रमुख केंद्र बना हुआ है।

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