Hindi Diwas: September 2025: सुमेरियन भाषा को प्राथमिक भाषा माना जाता है चूने पत्थर से लिखी जाने वाली यह भाषा 3500 ईसा पूर्व अस्तित्व में आयी थी वेदों और ग्रंथों में संस्कृत को प्राचीन भाषा का दर्जा प्राप्त है संस्कृत से उपजी भाषा हिन्दी पाँच प्रमुख उपभाषाओं का समूह है ये उपभाषायें ग्यारह स्वर और अठारह बोलियों के अन्तर्गत आती है।
पूर्वी हिन्दी में अवधी, बघेली, छत्तीसगढ़ी बोलियाँ बोली जाती है जबकि खड़ी बोली, ब्रज, कन्नौजी, बुदेंली और बांगरु पश्चिमी उपभाषा की बोलीयां है। मैथली, भोजपुरी, मगही बोली बिहारी हिन्दी और गढ़वाली, कुमाऊँनी पहाड़ी हिन्दी उपभाषा की बोली है। मारवाड़ी, मेवानी, मालवी जयपुरी ये सभी राजस्थानी उपभाषा की बोलियाँ जो राजस्थान से संम्बंधित समस्त जिलों में प्रयोग में लायी जाती है।
हिन्दी भाषा में समाहित अरबी और फरसीः
वहीं हिन्दी भाषा का इतिहास सैकड़ों वर्ष पूर्व का माना जाता है। मध्यकालीन काल में हिन्दी भाषा में अरबी और फरसी भाषा को समाहित किया गया अमीर खुसरों जैसे सुप्रसिदॄ लेखकों ने अपनी रचनाओं और कविताओं में इस मिश्रित भाषा का प्रयोग करके लेखन के क्षेत्र में महान् प्रसिदिॄ प्राप्त की है। 14 सितम्बर 1949 को भारतीय संविधान के आठवीं अनुसूची और अनुच्छेद 343(1) के अन्तर्गत हिन्दी को देवनागरी लिपि और संघ की राष्ट्र एंव राजभाषा दोनों का दर्जा प्राप्त है।

हिन्दी से है, हिन्दुस्तानः
इसके साथ ही हिन्दी का अर्थ हिंद (भारत) से सम्बंध रखता है। 145,000 शब्दों से दुनियाँ के संप्रभु देश के लिखित सबसे लम्बे भारतीय संविधान का निर्माण किया गया। भारतेन्दु हरिशचन्द्र को आधुनिक हिन्दी के जनक के रुप में जाना जाता है। देश की आजादी की अलख जगाने में हिन्दी भाषा ने विशेष योगदान रहा। 31 मई 1826 में युगुल किशोर शुक्ल ने हिन्दी का पहला समाचार पत्र उदन्त मार्तण्ड जिसका अर्थ है (उगता हुआ सूर्य) को प्रकाशित हिन्दी पत्रकारिता के जगत में नीवं के पत्थर का कार्य किया था। इसके बाद बंगदूत(1829), बनारस अखबार(1845), हिंदी प्रदीप(1877), भारत जीवन (1884), हिंदी बंगवासी(1890) में प्रकाशित समाचार पत्रों ने हिन्दी पत्रकारिता जगत में क्रान्ति लाकर देश की आजादी में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

हिन्दी भाषा युवा वर्ग के लिये पथ प्रदर्शकः
आजाद देश के सुप्रसिदॄ कवियों और लेखकों ने हिन्दी भाषा का प्रयोग करके कई ग्रंथों एंव पुस्तकों का भण्डार आज के युवा वर्ग को सौंप कर अविस्मरणीय कार्य किया है जिसकी सराहना करना शब्दों से परे है। हिन्दी भाषा आज के दौर में युवा वर्ग के लिये पथ प्रदर्शक है जिससे वह अपने हौसलों को उड़ान देने में सफल हो रहा है। हिन्दी भाषा को भारत देश की आत्मा के रुप में देखा जा सकता है इसके बिना किसी और भाषा को सीखने की कल्पना नही की जा सकती है। शिक्षा ग्रहण करने के दौरान किसी भी भाषा से संम्बंधित ज्ञान अर्जित किया जा सकता है लेकिन भारत देश में जन्म के बाद बोला गया पहला अक्षर हिन्दी का होता है यह लोकप्रिय मातृ भाषा अपने आप में सर्वश्रेष्ठ है। इसकी अन्य किसी भाषा से तुलना करना व्यर्थ है।
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