waqf bill:वक्फ बिल जहां लोकसभा में पारित हो चुका है जिसके बाद मुस्लिम समुदाय काफी खुश है तो वहीं अब ये बिल राज्यसभा में इस बिल की चर्चा होगी।
राज्यसभा में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर पहले सरकार और फिर संसद की संयुक्त समिति ने विभिन्न पक्षों से व्यापक विचार विमर्श किया इसी के जरिये वक्फ बोर्ड को समावेशी बनाया गया है।
किसी भी गैर मुस्लमानों का हस्ताक्षेप नहीं होगा
उच्च सदन में वक्फ संशोधन विधेयक, 2025 और वक्फ विधेयक को चर्चा और पारित करने के लिए रखने के दौरान कहीं। बिल पारित करने के दौरान उन्होंने कहा कि साल 2006 में 4.9 लाख वक्फ संपत्ति देश में थी। जिससे कुल आए मात्र 163 करोड़ रुपये की हुई, लेकन जब बदलाव किया गया तो इसकी आय केवल तीन करोड़ रुपये बढ़ी।
आगे रिजिजू ने कहा कि, “किसी भी तरीके से वक्फ बोर्ड वक्फ संपत्ति का प्रबंधन नही करता और उसमें हस्तक्षेप नहीं करता।“ इस विधेयक के जरिये किसी भी गैर मुसलमानों का हस्तक्षेप नहीं होगा।
वहीं रिजिजू ने कहा कि 2013 के संशोधन के मुताबिक कोई भी व्यक्ति वक्फ कर सकता है। आगे उन्होंने कहा कि कि नये विधेयक में इस्लाम के सभी फिकरों के सदस्यों को वक्फ बोर्ड में स्थान दिया जाएगा।
इन गरीबों का होगा कल्याण
रिजिजू ने कहा कि विधेयक के प्रवधानों से वक्फ बोर्ड के तहत आने वाली संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन के कारण देश के गरीब मुसलमानों को फयदा हो सकेगा। और अगर कोई भी अपनी जमीन वक्फ करना चाहता है तो उसमें विधवा या तलाकशुदा और यतीम बच्चों के अधिकार वाली संपत्ति को वक्फ नहीं किया जा सकेगा।
केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने कहा कि विधेयक में अपील के अधिकार का प्रावधान किया गया है, अगर व्यक्ति को लगता है कि उसे वक्फ न्यायाधिकरण में न्याय नहीं मिलता है तो वह दीवानी अदालतों में अपील कर सकता है।
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