CM YOGI: शिक्षक को पथ प्रदर्शक के रुप में ईश्वर ने भूमि प्रदान की है इनकों नौकरशाही से नही जोड़ा जा सकता है शिक्षा सभ्य समाज की आधारशिला बनकर विद्यार्थियों में नैतिक गुणों को विकसित करती है। यह वक्तव्य माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने पूर्व राष्ट्रपति एंव शिक्षाविद् भारत रत्न से सम्मानित डॉ0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती और शिक्षक दिवस कार्यक्रम में उद्घाटन अवसर पर दिये।
इस कार्यक्रम के दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश के 9 लाख शिक्षकों समेत शिक्षामित्र, अनुदेशक और रसोईया को कैशलेस उपचार देने की घोषणा की और कहा कि देश में शिक्षक का सम्मान सर्वश्रेष्ट है शिक्षामित्र एंव अनुदेशक के मानदेय को बढ़ाने का कार्य भी प्रगति पर है समस्त शिक्षकों को चाहिये कि देश के भविष्य निर्माण हेतु सत्यनिष्ठा के साथ अपना योगदान दे ताकि उत्तर प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी स्थान प्राप्त कर प्रगति की ओर अग्रसर हो सके।

प्रभु श्रीराम एंव श्री कृष्ण के पात्रों से बढ़कर कोई पात्रता नहीः
माननीय मुख्यमंत्री जी ने इस अवसर पर गुल्लक, बालवाटिका पुस्तक के विमोचन के साथ ही उद्गम के डिजिटल प्लेटफार्म को भी लांच किया। 66 बेसिक एवं 15 माध्यमिक शिक्षकों समेत कुल 81 गुरुजनों को सम्मानित किया और शिक्षा के महत्व उजागर करते हुये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि विद्यालयों में पढ़ाई जाने वाली पुस्तकों में नायक भारतीय होने चाहिये भारतीय नायकों के पात्रों से बढ़कर कोई पात्रता नही है। हमारे दादा दादी – नाना नानी महाभारत और रमायण में प्रभु श्रीराम एंव श्री कृष्ण के पात्रों की कहानियाँ सुनाते थे ताकि उनके पात्रों से प्रेरणा लेकर हम जीवन में आगे बढ़ सके। आज के दौर में भी इन्हीं कहानियों के पात्रों से विद्यालयों में विद्यार्थियों को परिचित कराना चाहिये ताकि विद्यार्थी वर्ग नैतिक गुणों को अपने भीतर समाहित कर उज्ज्वल भविष्य की ओर अग्रसरित होकर देश का नाम रौशन करें।

पाँच हजार से अधिक बालवाटिकाः
माननीय मुख्यमंत्री ने भाषण दौरान कहा कि तीन से छः वर्ष के बच्चों के लिये पाँच हजार से अधिक बालवाटिका प्रारम्भ हो चुकी है जिसमें इस उम्र के बच्चों को प्रवेश देकर उनकों शिक्षित किया जायेगा। पाँच वर्षो में बेसिक शिक्षा में होने वाले विकास के बारे में बताया कि प्रत्येक वर्ष 56 लाख विद्यार्थी बोर्ड की परीक्षा देते है पहले बोर्ड की परीक्षाओं को कराने में तीन माह का समय लगता था लेकिन अब केवल चौदह दिनों में परीक्षायें संपन्न करा ली जाती है एंव बराह से चौदह दिन बाद परिणाम घोषित कर दिया जाता है। कार्यक्रम के अतं में भारत की आधारशिला को सुदृढ़ करने वाले शिक्षकों को ह्रदय से अभिनन्दन एंव बधाई दी।
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