Gorakhpur: राप्ती नदी का जलस्तर अब खतरे के निशान से 2.32 मीटर नीचे बह रहा है, जिससे बाढ़ की स्थिति में काफी राहत मिली है। पिछले सप्ताह नेपाल और तराई क्षेत्र में हुई भारी बारिश के कारण नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ गया था। इससे गोला तहसील के पांच गांव बाढ़ की चपेट में आ गए थे। अब अच्छी खबर यह है कि केवल नेतवार पट्टी गांव में ही बाढ़ का असर बाकी है।
बाढ़ का खतरा खत्म
जिला प्रशासन ने प्रभावित पशुपालकों की मदद के लिए 88 क्विंटल भूसा बांटा है। पहाड़ों पर बारिश रुकने और गंगा नदी के जलस्तर में कमी आने से राप्ती का बहाव लगातार कम हो रहा है। सिंचाई विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अगले कुछ दिनों में नदी का जलस्तर पूरी तरह सामान्य हो जाएगा। इससे बाढ़ का खतरा अब लगभग खत्म हो चुका है।

लेकिन, जलस्तर कम होने के साथ ही एक नई समस्या सामने आई है। बड़हलगंज क्षेत्र में राप्ती और सरयू नदियों के किनारे कटान तेज हो गया है। बगहा देवार और मझवलिया गांव में खेत, घर और सड़कें खतरे में हैं। नदी का रुख प्राथमिक विद्यालय की ओर होने से ग्रामीणों की चिंता बढ़ गई है। कटान के कारण कई लोग बेघर हो गए हैं और वे सड़क किनारे अस्थायी झोपड़ियों में रहने को मजबूर हैं। प्रभावित लोग प्रशासन से सुरक्षित जमीन की मांग कर रहे हैं ताकि वे अपने परिवार के साथ सुरक्षित रह सकें।
नदियों के किनारे निगरानी बढ़ा दी
सिंचाई विभाग ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कटान प्रभावित क्षेत्रों में अपनी टीमें तैनात की हैं। बचाव और कटान रोकने के लिए काम तेजी से चल रहा है। विभाग के अधिकारी वैभव सिंह ने बताया कि राप्ती और सरयू नदियों के किनारे निगरानी बढ़ा दी गई है। प्रशासन और सिंचाई विभाग मिलकर स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और प्रभावित लोगों की मदद के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
क्षेत्र की अन्य नदियों की स्थिति की बात करें तो सरयू नदी बरहज (देवरिया) में खतरे के निशान से 35 सेंटीमीटर ऊपर और अयोध्या में 19 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। वहीं, रोहिन नदी खतरे के निशान से 2.84 मीटर नीचे और गोर्रा नदी 2.15 मीटर नीचे है। दूसरी ओर, आमी नदी का जलस्तर बढ़ने से सहजनवां में हरदी-कसरवल मार्ग पर रेलवे पुल के नीचे जलभराव हो गया है, जिससे रास्ता बंद है। लोग रेलवे पटरी से होकर आ-जा रहे हैं। गहिरा में नाव की सुविधा शुरू की गई है, लेकिन मैला भुआ शहीद मार्ग पर पानी चढ़ने से आवागमन में दिक्कत हो रही है।
बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद करे
प्रशासन और स्थानीय लोग मिलकर इन समस्याओं से निपटने की कोशिश कर रहे हैं। बाढ़ का खतरा कम होने से लोगों ने राहत की सांस ली है, लेकिन कटान की समस्या ने नया संकट पैदा कर दिया है। ग्रामीणों की मांग है कि प्रशासन जल्द से जल्द कटान रोकने के लिए ठोस कदम उठाए और बेघर लोगों के लिए सुरक्षित ठिकाने की व्यवस्था करे। स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि वे स्थिति पर पूरी नजर रखे हुए हैं और प्रभावित लोगों की हर संभव मदद की जाएगी। अगले कुछ दिनों में नदियों के जलस्तर और कटान की स्थिति पर काबू पाने की उम्मीद है।
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